नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने गुरुवार(24 नवंबर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जिस तरह से इसे लागू किया गया है, वह प्रबंधन की विशाल असफलता है और यह संगठित एवं कानूनी लूट-खसोट का मामला है।
नोटबंदी के बाद उत्पन्न हालात को लेकर हुए सिंह ने राज्यसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि इस फैसले से सकल घरेलू उत्पाद में दो फीसदी की कमी आएगी, जबकि इसे नजरअंदाज किया जा रहा है।
पूर्व पीएम ने उम्मीद जताई कि प्रधानमंत्री एक व्यावहारिक, रचनात्मक एवं तथ्यपरक समाधान निकालेंगे जिससे आम आदमी को नोटबंदी के फैसले से उत्पन्न हालात के चलते हो रही परेशानी से राहत मिल सके।
उन्होंने कहा कि जो परिस्थितियां हैं उनमें आम लोग बेहद निराश हैं। कृषि, असंगठित क्षेत्र और लघु उद्योग नोटबंदी के फैसले से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और लोगों का मुद्रा एवं बैंकिंग व्यवस्था पर से विश्वास खत्म हो रहा है।
सिंह ने कहा कि पीएम ने कहा- 50 दिन तक इंजतार करें, लेकिन गरीबों के लिए 50 दिन काफी नुकसान देने वाले हैं। नोटबंदी के चलते 60-65 लोगों की जान चली गई। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से आम जनता को हो रही दिक्कतों को दूर करना जरूरी है।