दो साल के शीर्ष पर पहुंचा खुदरा महंगाई दर, जुलाई में बढ़कर 6.07 फीसदी हुई

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नई दिल्ली। महंगाई, औद्योगिक उत्पादन और निर्यात के मोर्चे से शुक्रवार(12 अगस्त) को निराशाजनक खबरें आईं। जुलाई में खुदरा महंगाई दर छह फीसद का आंकड़ा पारकर दो साल के ऊंचे स्तर पर पहुंच गई। अर्थव्यवस्था की सेहत का संकेत देने वाले औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर भी घटकर 2.1 फीसद पर आ गई। इसी तरह देश का निर्यात 6.7 फीसद घटकर 21.69 अरब डॉलर रह गया।

केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय के उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) के आंकड़ों के अनुसार, खुदरा मंहगाई दर पिछले 23 महीनों के उच्चतम स्तर पर रही। जून में यह जहां 5.77 फीसदी थी, वहीं पिछले साल यह समान अवधि में 3.69 फीसदी थी।

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ग्रामीण क्षेत्र में खुदरा मुद्रास्फीति की दर 6.66 फीसदी रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में यह 5.39 फीसदी रही। वहीं, खुदरा मुद्रास्फीति की सालाना दर समूचे भारत में 8.35 फीसदी रही, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 8.25 फीसदी और शहरी क्षेत्रों में 8.80 फीसदी रही।

खाद्य पदार्थों में सालाना आधार पर दालों की कीमतों में 27.53 फीसदी, सब्जियों की 14.06 फीसदी की बढ़ोतरी रही। आधिकारिक आंकड़ों में आगे कहा गया है कि चीनी और मिठाइयों की कीमतों में सालाना आधार पर 21.91 फीसदी वृद्धि हुई, जबकि मसालों की कीमतों में 9.04 फीसदी की वृद्धि हुई।

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सालाना आधार पर प्रोटीन आधारित खाद्य पदार्थों जैसे मांस-मछली की कीमतों में 6.57 फीसदी और अंडे की कीमत में 9.34 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। राज्यों में असम में खुदरा मुद्रास्फीति की दर सबसे कम 3.50 फीसदी रही। उसके बाद हिमाचल प्रदेश में 4.26 फीसदी रही। जबकि सबसे ज्यादा महंगाई वाले राज्यों में ओडिशा में 8.63 फीसदी और गुजरात में 8.18 फीसदी रही।

औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) में जून में 2.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई, जोकि इस साल मई में 1.1 फीसदी थी। जबकि पिछले साल के मुकाबले इसमें 4.2 फीसदी की वृद्धि हुई है।

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आईआईपी के तीन प्रमुख उपवर्गो के सूचकांकों में बिजली में सर्वाधिक 8.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इसके बाद खनन में 4.7 फीसदी वृद्धि हुई। आईआईपी में सर्वाधिक 75 फीसदी हिस्सेदारी वाले विनिर्माण सूचकांक में अपेक्षाकृत कम केवल 0.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई।

हालांकि, शेयर बाजारों में तेजी रही। बीएसई सेंसेक्स 293 अंक उछलकर 28,152.40 अंक पर, जबकि एनएसई निफ्टी 80 अंक की बढ़त के साथ 8,672.15 अंक पर बंद हुआ।