जब राजकपूर की पहली मुहब्बत ने उन्हे ठुकराते हुए कहा था ‘तेरा यहां कोई नहीं’

0
3 of 8
Use your ← → (arrow) keys to browse


नरगिस के लिए बदलवा दी थी फ़िल्म की स्क्रिप्ट
बहरहाल उस रोज उन्हे स्टूडियो मिला या नहीं ये तो मैं नहीं जानता , लेकिन उस रोज नरगिस दत्त से मिल कर वो सीधे अपने दोस्त इंदर राज के पास गए जो उन दिनों राजकपूर की फ़िल्म आग की स्क्रिप्ट लिख रहे थे। फ़िल्म की स्क्रिप्टिंग लगभग पूरी हो चुकी थी, लेकिन राजकपूर ने इंदर राज से जोर देकर कहा कि वो कुछ भी करके इस फ़िल्म में नरगिस के लायक रोल जोड़ दे, क्योंकि अब नर्गिस की                                                                 उनकी फ़िल्म की हिरोइन होंगी.

इसी तरह से फ़िल्म प्रेम रोग के गाने ‘ये गलियां ये चौबारा, यहां आना दुबारा’ में चूड़िया खनकाकर नाचती वो लड़की मनोरमा का किरदार भी राजकपूर के जिंदगी की हकीकत है। कह सकते हैं कि प्रेम रोग की मनोरमा राजकपूर की जिंदगी की पहली मुहब्बत थी जिसे राजकपूर कभी पा नहीं सके। ये बात है 1942 की यानि राजकपूर जब महज 18 साल के थे, जब बड़े और रईस घर की एक लड़की ने सिल्वर स्क्रीन के इस खुदा से कहा था कि ‘तेरा यहां कोई नहीं’।

इसे भी पढ़िए :  वीडियो में देखिए- अजगर के साथ खेलता है ये बंदर

अगले पेज पर पढ़िए – खुद को शो मैन नहीं मानते थे राजकपूर

3 of 8
Use your ← → (arrow) keys to browse