शराब माफिया और गैंगेस्टर लतीफ जिससे आम लोग डरते थे वो गरीबों की चहेता कैसे बन गया? लतीफ के एक पड़ोसी बताते हैं कि 1980 के दशक में अहमदाबाद में कई बार दंगे हुए। उम्र की छह दशक पूरे कर चुके स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता अजीज गांधी कहते हैं, “पहले से ही गरीब और वंचित मुसलमान दंगों में ज्यादा पीड़ित होते थे। उनका काम धंधा कर्फ्यू के दौरान बंद हो जाता था। इसमें कोई शक नहीं कि लतीफ ने दंगापीड़ितों की बड़ी मदद की।” गरीबों और पीड़ितों की मदद करके लतीफ ने अहमदाबाद में “रॉबिनहुड” जैसी छवि बना ली।
