सर्जिकल स्ट्राइक के बाद दहशत में सीमावर्ती गांव के लोग

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फोटो: साभार

नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में सेना की ओर से आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल ऑपरेशन किए जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने की खबरों के बीच पंजाब के सीमावर्ती जिलों के कई गांवों के निवासियों में दहशत का आलम है।

प्रशासन ने सीमा से 10 किलोमीटर के दायरे के गांवों से लोगों को बाहर निकालना शुरू कर दिया है। स्थानीय गुरूद्वारों, मंदिरों के प्रमुखों ने सरपंचों की मदद से लोगों से कहा है कि तनाव के हालात को देखते हुए वे जल्द से जल्द गांव छोड़ दें। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर अलर्ट जारी किया है।

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पंजाब में पाकिस्तान से लगी हुई 553 किलोमीटर की सीमा है। राज्य में छह जिले हैं जो अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे हुए हैं। 135 ऐसे गांव हैं जो अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट हैं।

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अमृतसर जिले में रसूलपुर, भानिया, देवकी, भेरोपाल, हारदो रतन, धारीवाल उधर, धनेव, राजताल, महावा, बाचीविंड, शाहुरा, कीरलगढ़, चक अल्लाबक्स, काकर रानिया, अजनाला और रामदास जैसे गांवों के निवासियों ने पहले ही अपने गांवों को खाली कर गुरूद्वारों अथवा दूसरे स्थानों पर शरण ले ली है।

इसी तरह की स्थिति तरन तारन जिले के कई सीमावर्ती गांवों में देखने को मिली। हालात तनावपूर्ण होने की पृष्ठभूमि में इस आशंका के चलते पेट्रोल पंपों पर लोगों की कतारें देखी गई कि स्थिति कोई भी करवट ले सकती है।

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पठानकोट अस्पताल के आपातकालीन वार्ड को खाली करा लिया है और उपचार करा रहे मरीजों को दूसरे वाडरें में भेज दिया गया है। पठानकोट के वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर भूपिंदर सिंह ने कहा कि ‘‘युद्ध जैसी किसी भी स्थिति के लिए आठ बिस्तरों को खाली रखा गया है।’’