गाजियाबाद: अगर आपको भाड़े पर AK-47 चाहिए तो आपके लिए उत्तर प्रदेश से ज्यादा मुफ़ीद जगह और कोई नहीं है।भाजपा के एक नेता की हत्या की कोशिश के मामले की जांच के दौरान खुलासा हुआ है कि उत्तर प्रदेश में AK-47 राइफलें या इस तरह के हथियार किराए पर मिल जाते हैं। दिल्ली से सटे अपराध के लिए मशहूर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इलाके में स्पष्ट रूप से यह समस्या ज्यादा गंभीर है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता बृजपाल तेवतिया पर हमले की जांच कर रहे अधिकारी कहते हैं कि जांच को पटरी से उतारने की कोशिश में इस इलाके के अपराधी गिरोह हत्या की सुपारी लेने के बाद उसे किसी और को दे देते हैं।एक अधिकारी ने कहा कि मोटे तौर पर एक अनुमान है कि करीब दर्जन भर गिरोहों के पास AK-47 जैसे हथियार हैं। इन गिरोहों में अनिल दुजाना, सुशील मूंछ, सुंदर भाटी, धर्मेद्र किरथाल, उधम कर्नवाल, योगेश भदोरा और मुकीम काला के गिरोह शामिल हैं। कथित तौर पर उनके पास एक से अधिक राइफलें और स्वचालित हथियार हैं। आवश्यकता पड़ने पर वे और हथियार खरीदते हैं या किराए पर लेते हैं।
इन गिरोहों के पास जो आधुनिक हथियार हैं, वे नेपाल से लगी उत्तर प्रदेश की खुली सीमा के आसपास आसानी से मिल जाते हैं। ये हथियार वाया नेपाल चीन से तस्करी कर लाए जाते हैं। अधिकारी ने कहा कि इन सभी गिरोहों पर अब पुलिस की नजर यह सुनिश्चित करने के लिए है कि उन्हें अपने हथियारों हाथ धोना पड़े। AK-47 राइफल किराये पर लेने के लिए दो-तीन लाख रुपये जमानत के तौर पर जमा करने पड़ते हैं। अगर राइफल गुम हो जाती है तो जमा राशि जब्त कर ली जाती है।
अगर हथियार लौटा दिए जाते हैं तो किराए के रूप में प्रति हथियार 50,000 से 60,000 रुपये जमा राशि से काट लिए जाते हैं। एक अन्य पुलिस सूत्र ने कहा कि सीधे तौर पर खरीद के लिए भी हथियार उपलब्ध हैं। पुलिस सूत्रों के अनुसार, कभी-कभी एक हत्या के लिए दो गिरोह मिलकर काम करते हैं। एक हत्या के लिए ली गई सुपारी कभी-कभी दूसरे गिरोह को दे दी जाती है। हत्या गिरोहों के कार्य करने के तरीके का उल्लेख करते हुए एक सूत्र ने कहा कि नए अपराधियों को दैनिक मजदूरी पर रखा जाता है।