प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नसीहत के बावजूद गौरक्षा के नाम गुंडागर्दी का खेल जारी है। राजस्थान में एक बार फिर गौरक्षों ने गाय ले जा रहे ट्रकों को रोककर हंगामा किया और उनके साथ मौजूद लोगों की जमकर पिटाई की। ये गाय तमिलनाडु पशुपालन विभाग की टीम ले जा रही थी।
रविवार रात बाड़मेर शहर के पास नेशनल हाइवे 15 पर कथित गौरक्षकों ने जमकर हंगामा किया। नेशनल हाइवे पर इन गोरक्षकों ने गौवंश से भरे पांच ट्रकों को रुकवाकर ट्रक चालकों के साथ जमकर मारपीट की और उन्हें लहूलुहान कर दिया। ट्रक ड्राइवरों ने भीड़ को समझाने की कोशिश की लेकिन हिंसा पर उतारू भीड़ ने उनकी एक न सुनी। ड्राइवरों के साथ मारपीट के बाद हिंसक गौरक्षकों ने ट्रक में आग लगाने की भी कोशिश की।
दरअसल, तमिलनाडु सरकार नेशनल एग्रीकल्चर डेवलपमेंट प्रोग्राम (NADP) चलाती है। इसके लिए सरकार के पशुपालन विभान ने राजस्थान के थरपारकर से 50 गाय और 30 बछड़े खरीदे थे। जिसके बाद रविवार रात इन्हें तमिलनाडु ले जाया जा रहा था। जिन ट्रकों में गायों को ले जाया जा रहा था, उनके साथ पशुपालन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे। इसी दौरान बाड़मेर में गौरक्षों ने ट्रक रुकवाकर उन पर अटैक कर दिया। पुलिस ने बताया कि भीड़ को वैध रूप से गाय खरीदने की जानकारी दी गई, लेकिन वो लोग नहीं माने और ड्राइवर समेत दूसरे लोगों पर हमला कर दिया। बताया जा रहा है कि गौरक्षकों ने अधिकारियों पर भी हमला करने की कोशिश की। हालांकि, बाद में मौके पर पहुंची पुलिस उन्हें किसी तरह बचाया।
ये गाय खरीदने के लिए बाकायदा एनओसी ली गई थी। इलाके के एसडीएम ने तमिलनाडु सरकार को गाय खरीदने की परमिशन दी थी। बावजूद इसके गौरक्षकों ने गाय ले जा रहे लोगों को निशाना बनाया।
इस मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने आई है। बाड़मेर के एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए 7 पुलिस कर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया। वहीं पुलिस ने मारपीट करने वाले और उत्पात मचाने वाले 15 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया। सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप में पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तारी की है। बता दें कि थरपारकर गाय पूरे देश में मशहूर हैं। ये गाय उच्च गुणवत्ता के साथ ज्यादा दूध देने के लिए जानी जाती हैं।