नार्थ इस्ट के राज्यों में मानव तस्करी रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस साल मणिपुर में मानवों की तस्करी पिछले साल की तुलना में बढ़ी है। मणिपुर के प्रोटेकशन ऑफ चाइल्ड राइटस के कमीशनर ने कहा है कि “ पिछले कुछ सालों से इस क्षेत्र में मानवों की तस्करी में गिरावट दर्ज की गई है लेकिन 2016 में इसके मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है।”
आगे कमीशनर ने कहा कि राज्य के सोशल वेलफेयर के सदस्य मणिपुर की जनता को समय समय पर अगाह करते रहते है कि तस्करों के फ्री एजुकेशन और जॉब के लालच में ना आए। ताकि मानवों की तस्करी की घटना को रोका जा सके।
हम आपको बता दें कि मानव तस्कर बच्चों से काम ही नहीं करवाते हैं बल्कि उनके साथ या उनसे और भी कई गैरकानूनी काम किए और करवाए जाते हैं। लड़की की तस्करी मुख्य रूप से देह व्यापार के लिए जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक लापता बच्चों और संगठित अपराध के बीच बेहद करीबी संबंध है। 2014 के लापता बच्चों के आंकड़ों से पता चलता है कि गुमशुदा बच्चों में 70 फीसद लड़कियां हैं।
हालांकि सरकार ने इसे रोकने के कानून बना रखे हैं लेकिन इसके बावजूद यह अपराध रूकने का नाम नहीं ले रहा है।