नई दिल्ली। राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की एक जांच टीम ने पाया है कि उत्तरप्रदेश में कैराना से कई परिवारों ने ‘‘अपराध में बढ़ोतरी’’ और वहां कानून एवं व्यवस्था की ‘‘गिरती’’ स्थिति के डर से ‘‘पलायन’’ किया।
उसके तथ्यों के आधार पर आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को नोटिस भेजकर टीम की टिप्पणियों और सिफारिशों पर आठ हफ्ते के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने को कहा है। टीम ने संबंधित साक्ष्यों, प्रत्यक्षदर्शियों, स्वतंत्र गवाहों, संबंधित पुलिस अधिकारियों और एसडीएम से भी बातचीत की।
एनएचआरसी ने आज एक बयान में कहा कि ‘‘टीम ने कैराना के सांसद के पीएस से 346 विस्थापित परिवारों या व्यक्तियों की एक सूची भी हासिल की। उस सूची में तीन आवासीय जगहों का चुनाव हुआ और छह कथित पीड़ितों या विस्थापित परिवारों या व्यक्तियों को सत्यापन के लिए चुना गया।’’