नई दिल्ली। केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार(10 नवंबर) को कहा कि सेतुसमुद्रम जहाजरानी नहर परियोजना के निर्माण के लिए रामसेतु को किसी भी कीमत पर तोड़ा नहीं जाएगा। गडकरी के अनुसार इस परियोजना के लिए सरकार के पास 6 विकल्प हैं और केंद्रीय मंत्रिमंडल जल्द ही इस संबंध में निर्णय लेगा।
जहाजरानी, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री गडकरी ने कहा कि रामसेतु के संबंध में हम इस बात को लेकर बहुत ज्यादा प्रतिबद्ध हैं कि किसी भी कीमत पर हम लोगों की भावना का सम्मान करेंगे। हम इसे ध्वस्त नहीं करेंगे।
एक सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा (सेतुसमुद्रम) कोर्ट में विचाराधीन है। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के लिए छह अलग-अलग विकल्प हैं और मंत्रिमंडल इस पर निर्णय करेगा।
इससे पूर्व केन्द्र ने परिवहन, ढांचागत क्षेत्रों में परामर्श सेवा देने वाली सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी राइट्स को इस ढांचे को बचाने के लिए विकल्प तैयार करने का काम सौंपा था। हिंदुओं के लिए राम सेतु का धार्मिक महत्व है।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार लंका पर चढ़ाई के लिए भगवान राम ने अपनी वानर सेना के सहयोग से समुद्र में रामसेतु का निर्माण किया था। भारत और श्रीलंका के बीच समुद्र के भीतर स्थित इस संरचना के कारण देश के पूर्वी तट से पश्चिमी तट की ओर जाने वाले जहाजों को लंबा चक्कर लगाना पड़ता है।