माइनस 24 डिग्री में 20 मिनट किया नृत्य, लड़की का सैनिकों को सलाम

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नृत्य
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सैनिकों को सलामी देने के लिए 18 हजार 380 फीट की उंचाई पर खून जमा देने वाली ठंड, में इस लड़की ने कथक नृत्य करके दिखाया। नृत्य करते समय चेहरे पर न कोई शिकन। लड़की ने कुछ ऐसे किया सैनिकों को सेल्यूट।

जान पर बनी थी, लेकिन 20 मिनट तक नृत्य करती रही और वादियों में गूंजता रहा ‘मां तुझे सलाम’। सिर्फ इसलिए कि देश की सरहदों की रक्षा कर रहे सैनिकों को सलाम कर सके। लड़की ने अपनी यह नृत्य परफॉर्मेंस इंडियन आर्मी को समर्पित की। पहले भी एक रिकॉर्ड बना चुकी है और अब अपना ही रिकॉड तोड़ने वाली ये लड़की है, पंजाब के पटियाला की कत्थक डांसर श्रुति गुप्ता। जिस जगह पर श्रुति ने यह परफॉर्मेंस दी, वो जमीन से 18 हजार 380 फीट की ऊंचाई पर है, और तापमान माइनस 24 डिग्री है। एक ऐसी जगह, जहां आम आदमी महज 30 मिनट जिंदा रह सकता है, वहां श्रुति ने 20 मिनट की परफॉर्मेंस बिना गरम कपड़ों के दी। लद्दाख में खारदूंग ला पर सैनिकों की मौजूदगी में उनके सम्मान में उसने ऐसा समां बांधा कि सभी उसके हुनर के कायल हो गए।

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श्रुति ने बताया कि उसकी परफॉर्मेंस के दौरान आईटीबीपी और इंडियन आर्मी के लोग मौजूद रहे, जो लगातार मेरा हौंसला बढ़ा रहे थे। हालांकि परफॉर्मेंस खत्म करने से पहले जब मैंने तिरंगा हाथ में लिया तो तेज हवाओं के कारण मेरे हाथ अकड़ गए, लेकिन मैंने झंडा थामे रखा। जब परफॉर्मेंस खत्म हुई तो काफी देर तक मेरा हाल खराब रहा, लेकिन जल्द ही ठीक भी हो गया। श्रुति की इस परफॉर्मेंस के पीछे का असली मकसद बाद में पता चला। खुद श्रुति ने बताया कि हाड़ कंपा देने वाली इस ठंडी जगह पर डांस करने का उद्देश्य इंडियन आर्मी की आतंकवाद के खिलाफ छेड़ी गई मुहीम को सेल्यूट करना था। इसके अलावा एक मकसद था, अपना ही रिकॉर्ड तोड़ना। जो मैंने पिछले साल बनाया था। अब मेरा लक्ष्य माउंट एवरेस्ट पर डांस करना है।

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श्रुति बताती हैं कि इस पल के लिए वे सालभर से तैयारी कर रही थीं। इस बार परफॉर्मेंस बीस मिनट की थी और ऊंचाई भी पहले से ज्यादा। तो मैंने भी परिश्रम उसी हिसाब से किया, ताकि पिछले रिकॉर्ड को तोड़ सकूं। वे कहती हैं कि मैं बहुत छोटी उम्र से कथक कर रही हूं। पिछले 12 साल से तो स्टेमिना बनाने की प्रैक्टिस पर ही खास फोकस है। रोजाना 6 से 8 घंटे की प्रैक्टिस करती हूं। गौरतलब है कि श्रुति ने पिछले साल भी अक्तूबर के महीने में 17198.16 फीट (लगभग 5242 मीटर) की ऊंचाई पर 7 मिनट कत्थ क किया था। हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पीति में बारालाचा के पास यह परफॉर्मेंस देकर श्रुति ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराया था। श्रुति ने अपनी इस परफॉर्मेंस को ‘प्रकृति निर्वाण रूपम’ नाम दिया था। यह परफॉर्मेंस भी सेना के जवानों को समर्पित थी।

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