
इसके बाद 2010 में बांग्लादेश में त्रिकोणीय श्रुंखला में उनको अपार सफलता दिलाई। उन्होंने इस त्रिकोणीय शृंखला में अपना दूसरा एकदिवसीय शतक लगाया जिसके कारण उनके नाम एक रिकॉर्ड जुड़ गया की अपने 22 वे जन्मदिन से पहले दो शतक मारने वाले भारत की तीसरे खिलाड़ी बने।इसके बाद मई और जून में श्रीलंका और जिम्बाब्वे के खिलाफ त्रिकोणीय शृंखला रखी गयी जिसमे सभी दिग्गज खिलाडियों को आराम दिया गया।
इस सीरीज में सुरेश रैना को कप्तान और 21 वर्षीय विराट कोहली को उपकप्तान बनाया गया। हालांकि इस सीरीज में भारत की बुरी तरह हार हुयी लेकिन कोहली एकदिवसीय मैचो में 1000 रन पूरा करने में सफल रहे और उनके नाम सबसे तेज हजार रन पूरा करने का रिकॉर्ड जुड़ गया।
2010 एशिया कप में कोहली बढिया फॉर्म में नही थे फिर भी किसी तरह एकदिवसीय टीम में अगले कुछ मैचो में अपनी जगह बनाने में कामयाब रहे थे।2010 के अंत में एक घरेलू शृंखला में विराट को के बार फिर उपकप्तान और सुरेश रैना को कप्तान बनाया गया। कोहली ने बेहतरीन प्रदर्शन किया और साल के अंत में भारत की तरफ से सबसे ज्यादा रन वाले खिलाड़ी बने।































































