भारत का खेलों में मेडल जितने का रिकार्ड भले ही खराब हो पर डोपिंग के मामलों में भारत ने अपना स्थान पक्का कर रखा है। लगातार तीन वर्षों से भारत डोपिग के मामले में एक ही जगह पर खङा है । विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की 2015 के लिए जारी रिपोर्ट में वह तीसरे स्थान पर है। देश के कुल 117 खिलाड़ियों को प्रतिबंधित दवाइयों के सेवन का दोषी पाया गया है ।
वाडा की इस रिपोर्ट में भारत के 117 एथलीट वर्ष 2015 में डोपिंग नियमो के उल्लंघन में पकङे गये। भारत के आगे रुस फेडरेशन के 176 एथलीट और इटली के 129 एथलीट मौजूद है। 2013 और 2014 में भी इन देशों का भी यही क्रम था। वाडा ने 2013 से ही यह रिपोर्ट जारी करना शुरू कर दिया था। बता दें कि डोपिंग मामलों नें एथलीटों के यूरिन सैंपल को चेक की जाती है।
भारत में लगातार डोप के उल्लघन के मामले बढ रहे है। 2010 में 91 एथलीट एंटी डोपिग नियम के उल्लंघन के मामले सामने आये वही 2014 में 96 और 2015 मैं 117 हो गयी। अगर अलग-अलग खेलों की बात करें, तो सबसे ज्यादा भारोत्तोलक डोपिंग में पकड़े गये।
कुल 56 भारतीय भारोत्तोलक (32 पुरुष और 24 महिलाएं) डोपिंग में नाकाम रहे थे। इसके बाद एथलेटिक्स (21) का नंबर आता है, जिसके 14 पुरुष और सात महिला एथलीटों को डोपिंग में पकड़ा गया था ।