अहमदाबाद की रहने वाली तंजीम मेरानी जिसकी चाहत है कि वो श्रीनगर में तिरंगा लहरा सके। वह मात्र 14 साल की छोटी बच्ची हैं जिसके हौसले हिमालय की पहाड़ की तरह बुलंद है,जिसने किसी भी परिस्थिति मे झुकना नहीं सीखा है। उसके इरादे फौलाद जैसे सख्त हैं। जम्मू-कश्मीर में रोजाना एनकाउंटर और प्रदर्शन के बीच तंजीम ने ठाना है कि वो इस बार रक्षा बंधन के दिन श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा झंडा फहराएंगी।श्रीनगर का लाल चौक कश्मीरी अलगाववादियों और प्रदर्शनकारियों के हंगामें और आंदोलन का मुख्य केन्द्र है।
यहां हमेशा पुलिस और सुरक्षा बलों का पहरा रहता है। लेकिन इन खतरों को दरकिनार कर तंजीम ने वादा किया है कि वो अपने देश का झंडा यहां जरूर फहराएंगी और इसके लिए उन्हें किसी से पूछने की जरूरत नहीं है।मुस्लिम परिवार से ताल्लुक रखने वाली तंजीम ने पिछले साल भी श्रीनगर के लाल चौक पर तिरंगा झंडा फहराने का वादा किया था लेकिन उन्हें तब श्रीनगर एयरपोर्ट पर ही रोक लिया गया था।
तंजीम मेरानी का कहना है कि अगर इस बार उन्हें लाल चौक जाने से रोका गया तो वे वहीं भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगी।तंजीम के पिता का कहना है कि वे मानते हैं कि कश्मीर जाने का ये वक्त सही नहीं है, लेकिन वे पूछते हैं कि आखिर ऐसे कितने वक्त तक चलेगा कि हमें तिरंगा फहराने के लिए भी इंतजार करना पड़े। तंजीम के पिता के का कहना है कि किसी ना किसी को इस दिशा में कदम तो उठाना ही पड़ेगा और वे अपनी बेटी के साथ है।