टीना कहती हैं, हम एक दूसरे से प्यार करते हैं और बहुत खुश हैं। लेकिन मैं जब हमारे बारे में इस तरह की बातें पढ़ती हूं तो मैं परेशान हो जाती हूं। हमने अपने बारे में खबरें पढ़ना बंद कर दिया है। मुझे लगता है कि पब्लिक के सामने रहने की कीमत चुकानी पड़ रही है।
अपनी आलोचना के बारे में टीना कहती हैं, ‘मैं एक स्वतंत्र आत्मनिर्भर महिला हूं और मुझे अपने लिए चुनाव करने का अधिकार है। अतहर और मैं हम दोनों अपनी पसंद से बहुत खुश हैं। हमारे माता-पिता भी खुश हैं। इन सबके बीच ऐसे लोग हमेशा होते हैं जो दूसरे धर्म के इंसान के साथ रिश्ते में बंधने पर आपके खिलाफ नकारात्मक बाते कहते हैं। ऐसे लोग सिर्फ 5 प्रतिशत ही हैं। ज्यादातर लोग हमारे इस रिश्ते से खुश हैं। आपने मेरे फेसबुक टाइमलाइन पर देखा होगा कि ज्यादातर कमेंट हमें हिम्मत देने वाले हैं। मैं लोगों के समर्थन और मुबारकबाद के मेसेज से काफी खुश हूं।’
जब टीना से यह पूछा गया कि उन्हें कैसा लगता है जब दलित समुदाय के कई लोग उन्हें अपने आइकन के तौर पर देखते हैं। इस पर टीना कहती हैं, ‘मुझे नहीं लगता कि इस वक्त मैं किसी की आइकन हो सकती हूं क्योंकि मैंने अभी तक ऐसा कोई ठोस काम नहीं किया है। कड़ी मेहनत, ईश्वर के आशीर्वाद और भाग्य के साथ की वजह से मैं इस परीक्षा में टॉप करने में सफल रही। लेकिन यह सिर्फ एक परीक्षा है। अभी मुझे फील्ड पर जाकर बेहतर काम करना है और खुद को साबित करना है। मुझे पता है कि समाज में दलित वर्ग को लेकर लोगों की मान्यता ऐसी है कि कोई सोच भी नहीं सकता कि कोई दलित स्टूडेंट कभी किसी परीक्षा में टॉप भी कर सकता है। इसलिए अगर मैं किसी स्टूडेंट को बढ़ावा दे सकूं तो मुझे लगता है कि यह अच्छी बात होगी।