बुधवार का दिन झारखंड विधानसभा के इतिहास में काला दिवस के तौर पर शामिल हो गया है, आज सदन में जो कुछ भी हुआ वो बेहद शर्मनाक और विधानसभा की गरिमा को ठेस पहुंचाने जैसे है। दरअसल झारखंड विधान सभा में जोरदार हंगामे के बीच बहुचर्चित सीएनटी एसपीटी एक्ट आखिरकार बुधवार को पारित हो ही गया।
विधेयक को लेकर सत्तापक्ष व विपक्ष के बीच मतभेद अब टकराव में बदल गया है। संशोधन विधेयक की प्रतियां भी सदन में फाड़ी गयी। कुर्सियों को तोड़ा भी गया। विधानसभा में स्पीकर दिनेश उरांव पर कुर्सी फेंकी गयी, जिसमें वे बाल-बाल बच गये। स्प्रे भी चलाये गये। जिस दौरान यह हंगामा हुआ, उस समय मुख्यमंत्री रघुवर दास, ताला मरांडी व नीलकंठ सिंह मुंडा सदन में नहीं थे।
सदन में जहां पहले कुर्सियां तोड़ी गई थीं, वहीं संशोधन विधेयक पटल पर रखते ही विपक्ष की ओर जूते फेंके गए। जिसके बाद सदन की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई।
सड़क से लेकर सदन तक फूटा गुस्सा, दंगल की आई नौबत
आज भी आरंभ में विधानसभा परिसर में विपक्ष के विधायकों ने झामुमो विधायक दल के नेता सह नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन की अगुवाई में हाथों में तख्तियां लेकर विरोध किया। सुबह विधानसभा की कार्यवाही आरंभ होने पर दोपहर 12.45 तक स्थगित कर दी गयी। जब 12.45 बजे सदन की कार्यवाही आरंभ हुई तो विधेयक को लेकर शोर शुरू हो गया। इस दौरान सत्तापक्ष ने सदन के पटल पर संशोधन विधेयक को पेश किया।
सुबह किये गये प्रदर्शन के दौरान तख्तियों पर सीएनटी-एसपीटी एक्ट में छेड़छाड़ नहीं करने के नारे लिखे थे, साथ ही संशोधन विधेयक को वापस लेने व झारखंड को पूंजीपतियों के के हाथों में नहीं सौंपने के नारे लिखे थे।
सदन में हुए भारी हंगामे के बाद झारखंड विकास मोर्चा के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी गिरफ्तार किये गये।