RSS ने गोवा के चीफ सुभाष वेलिंगकर को बर्खास्त कर दिया। उनपर बीजेपी सरकार के खिलाफ एक्टिविटीज में शामिल होने का आरोप है। इस मामले ने उस वक्त तूल पकड़ लिया, जब वेलिंगकर की सपोर्ट में RSS के करीब 400 वॉलंटियर्स ने इस्तीफा दे दिया। इन लोगों की मांग है कि वेलिंगकर को फिर से बहाल किया जाए। उन्होंने पिछले हफ्ते ही उन्होंने बीजेपी चीफ अमित शाह को उनके गोवा दौरे के दौरान काले झंडे दिखाए थे। बता दें कि गोवा में अगले साल असेंबली इलेक्शन हैं और ऐसे मेें बीजेपी एक-एक कदम फूंक फूंक कर रख रही है। इस दौरान अगर RSS ही बीजेपी की बगावत करेगा तो इससे पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है।
दरअसल सुभाष वेलिंगकर RSS गोवा के स्टेट चीफ थे। इसके अलावा भारतीय भाषा सुरक्षा मंच (BBSM) के कन्वीनर भी हैं। यह मंच रीजनल लैंग्वेज के संरक्षण के लिए काम करता है। सुभाष पर बीजेपी सरकार के खिलाफ बयान देने का आरोप है। कुछ समय पहले ही वेलिंगकर ने कहा था- “अगले असेंबली इलेक्शन में बीजेपी हार जाएगी। साथ ही यह धमकी भी दी थी कि वह बीजेपी को हराने के लिए नई पार्टी बनाएंगे।” इनका आरोप है कि स्कूलों में रीजनल लैंग्वेज पढ़ाई के वादे से पीछे हटकर बीजेपी सरकार ने लोगों के साथ धोखा किया है।
इस पूरे प्रकरण पर RSS के सीनियर प्रचारक मनमोहन वैद्य ने कहा- “वेलिंगकर को उनकी जिम्मेदारी से हटा दिया गया है। वह कुछ पॉलिटिकल एक्टिविटीज में शामिल होना चाहते थे और संघ में ऐसा करना संभव नहीं था।” गोवा चीफ मिनिस्टर लक्ष्मीकांत पार्सेकर ने इस मामले में कमेंट करने से मना कर दिया। उन्होंने कहा- “यह RSS का अंदरूनी मामला है।”