आतंकियों ने सुबह साढ़े तीन बजे वारदात को अंजाम दिया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भागे गए आतंकियों के नाम मुजीब शेख, माजिद, खालिद, खिलची, जाकिर, सलीम, महबूब और अमजद हैं। ये जेल की बी ब्लॉक से फरार हुए। बैरक तोड़ने के बाद पहले इन्होंने प्रधान आरक्षक रामाशंकर की गला रेतकर हत्या कर दी। बाद में एक चादर को बतौर रस्सी इस्तेमाल करके जेल की दीवार फांदी। भागने से पहले एक अन्य पुलिसवाले चंदन के हाथ-पैर बांध दिए। दरअसल, उड़ी अटैक और सर्जिकल स्ट्राइक के बाद केंद्र सरकार की ओर से हाई अलर्ट किए जाने के बावजूद यह घटना हुई है। राज्य के गृह मंत्री ने भी सुरक्षा व्यवस्था में चूक की बात मानी है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सीएम ने इस तरह की घटनाएं होने की आशंका जताई थी। ऐसे में सवाल उठता है कि जेल की सुरक्षा पुख्ता क्यों नहीं की गई? माना जाता है कि उज्जैन और इंदौर जैसे शहर सिमी के टारगेट पर हैं। हालांकि, घटना के बाद भोपाल के हर हिस्से में नाकाबंदी कर दी गई है। बस स्टैंड से लेकर रेलवे स्टेशन तक, हर जगह चेकिंग की जा रही है।