यूपी के नए सीएम योगी आदित्यनाथ इंडिया का नाम बदलवाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने लोकसभा में निजी विधेयक भी पेश किया था। सांसद रहते हुए योगी ने अपने पिछले दो कार्यकाल में लोकसभा में पांच बिल पेश किए, जिनमें से एक में संविधान में देश का नाम ‘इंडिया’ से बदलकर ‘हिंदुस्तान’ करने की मांग की गई थी। वहीं, दूसरा बिल समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड) को लेकर था। योगी के तीसरे बिल में देश भर में गौहत्या पर बैन लगाने की मांग की गई थी। वहीं, चौथा बिल जबरन धर्मांतरण पर बैन और पांचवां बिल उनके संसदीय क्षेत्र (गोरखपुर) में इलाहाबाद हाई कोर्ट की स्थायी बेंच बनाने पर केंद्रित था। सदन में अंतिम दो विधेयक अभी पेश किए जाने हैं। योगी का कोई भी विधेयक अभी तक पास नहीं हो सका है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद आदित्यनाथ ने जुलाई 2014 में पहला बिल यूनिफॉर्म सिविल कोड और गौहत्या को बैन करने के लिए पेश किया गया था। समान नागरिक संहिता के लिए उनका विधेयक संविधान के अनुच्छेद 44 को हटाने की मांग करता है। संविधान के अनुच्छेद 44 में प्रावधान है कि राज्य सम्पूर्ण देश में ‘समान नागरिक संहिता’ लागू करने का प्रयास करेगा अर्थात् सभी के लिए निजी कानून एक जैसे होंगे। निजी कानूनों से अभिप्राय उन कानूनों से है, जो निजी मामलों में लागू होते हैं। जैसे विवाह, तलाक, उत्तराधिकार आदि। इस मुद्दे को उठाते हुए योगी ने पिछले साल नवंबर में सदन में फिर से यह मुद्दा उठाया था।