महिला कैदियों के लिए सरकार द्वारा अधिकृत किए गए शहर आश्रय गैर सरकारी संगठनों और अन्य संगठनों पर महिलाएं पूरी तरह सुरक्षित नहीं है। यहां कैदियों पर शारीरिक रूप से हमला किया जाता है और यौन प्रबंधकों और आश्रय के कर्मचारियों द्वारा शोषण किया भी किया जाता है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक इससे जुड़ा पहला मामल प्राथमिकी निर्देशकों और गांव के पंचशील समाज कल्याण सोसायटी के कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज किया गया था। सिटी मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के अनुसार आश्रय की महिला कैदियों को शारीरिक और यौन शोषण का शिकार बनाया गया। सिटी मजिस्ट्रेट रेखा एस चौहान ने कहा, ' जून के महीने में आश्रय घर में अचानक यात्रा के दौरान जब महिला कैदियों मिले तो हमें पता चला की वहां महिलाओं को शारीरिक रूप से परेशान किया जाता है।
इसी तरह , मार्च 2016 के महीने में, एक मूक महिला का आश्रय घर के परिसर में बलात्कार किया गया था लेकिन आश्रय प्रबंधको द्वारा इस पर को कार्रवाई नहीं हुई। महिलाओं से जुड़े मामलो में अभी भी इतनी लापरवाही क्या यह सही है, कोई इसके खिलाफ आवाज क्यों नहीं उठाता ?