जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रिसर्च स्कॉलर से रेप करने वाले आरोपी स्टूडेंट अनमोल रतन से आइसा ने किनारा कर लिया है। रेप की बात सामने आने पर सबसे पहले आइसा ने अनमोल को संगठन से बाहर का रास्ता दिखाया। और कहा आइसा संगठन पूरी तरह से पीड़ित लड़की के साथ है।
यही नहीं कल इंडियन एक्सप्रेस को दिए ब्यान में अनमोल के वकील ने इसे राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता का मामला बताया। जिस पर आइसा की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुचेता ने फेसबुक पर लिखा, बहुत हो गया अनमोल। अब बस करो। आइसा पूरी तरह से तुम्हारे दिए डिफेंस तर्क को अस्वीकारता है। हमने संगठन को इसलिए नहीं बनाया हम सबने अपनी यंग लाईफ इसलिए नहीं इन्वेस्ट की, सामाजिक परिवर्तन के उद्देश्य के लिए, न कि एक दिन तुम्हारे जैसा नेता संगठन को विकटिम कार्ड के तौर पर इस्तेमाल करे।
इतना ही नहीं इस बात के लिए आइसा ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को भी आड़े हाथों लिया। सुचेता ने लिखा क्या पत्रकारों और संपादकों के लिए स्टोरी ज्यादा महत्वपूर्ण है? यहाँ तक कि आपने सर्वाइवर की पहचान की ओर संकेत भी दे डाले। ये जानने के बावजूद की इसके कारण रेप सर्वाइवर को नुकसान पहुंचेगा।
आपको बता दे आइसा विश्वविद्यालय प्रशासन से आरोपी की विश्वविद्यालय से सदस्यता खत्म करने की मांग भी की है।