गुजरात में शराब पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है। यहां पर शराब न बेची जा सकती है न खरीदी जा सकती है लेकिन उसी राज्य में शराब खुलेआम बनाई जा रही है बेची जा रही है। सरकार कि इतनी नीतिओं कानूनों के बाद भी यह काम गुजरात में आसानी से हो रहा है,आए दिन जहरीली शराब से लोग मारे रहे हैं।
एक खबर सामने आई है जिसमें गुजरात के वरेली गांव को साड़ी और प्रवासी मजदूरों के लिए जाना जाता है। गुजरात को महाराष्ट्र से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे-8 पर स्थित वरेली गांव की आबादी 50 हजार है। इनमें ज्यादातर प्रवासी हैं। यह वहीं गांव है जहां पिछले कुछ दिनों में जहरीली शराब से 23 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों के परिजनों का कहना है कि शराबबंदी के बाद भी यहां आसानी से कच्ची शराब मिल जाती है, जिसके कारण ये मौतें हो रही हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार गांव के पहले प्रवासी सरपंच धनीराम दुबे कहते हैं कि 12 घंटे नौकरी करने के बाद मजदूर थक जाते हैं और इसके बाद वह सिगरेट, तंबाकू, शराब और गांजा के आदी हो जाते हैं। यहां और बगल के गांवों में देश में बनने वाली शराब आसानी से उपलब्ध हो जाती है। गुजरात में जहरीली शराब से मरने वालों में ज्यादातर प्रवासी ही हैं।
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने पिछले महीने में होने वाली मौतों और कच्ची शराब को बेचने वाले रैकेट की जांच की जिम्मेदारी आतंकवाद निरोधक दस्ते को सौंपी है। इस मामले में पुलिस ने 14 लोगों को भी गिरफ्तार किया है।
आगे कि स्लाईड में पढ़िए की गुजरात सरकार क्या-क्या कदम उठाकर शराब बेचने वालो को पकड़ रही है-