दिल्ली :
तमिलनाडु विधानसभा में आज सत्ताधारी अन्नाद्रमुक के एक सदस्य द्वारा विपक्ष के नेता का कथित रूप से उपहास उड़ाते हुए की गयी टिप्पणी को लेकर द्रमुक सदस्यों ने भारी विरोध और हंगामा किया। जिसके चलते सभी द्रमुक सदस्यों को निलंबित कर सदन से बाहर कर दिया गया। द्रमुक नेता एम के स्टालिन को मार्शलों के जरिये उठवाकर सदन से बाहर भेजा गया।
सरकार की ओर से द्रमुक के सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने के संबंध में एक प्रस्ताव लाया गया। जिसे ध्वनिमत से पारित कर दिया गया। राज्य विधानसभा के 234 सदस्यों में 89 सदस्य हैं।
विधानसभा अध्यक्ष पी धनपाल ने विधानसभा के मार्शलों को द्रमुक के सदस्यों को बाहर निकालने का आदेश दिया। इससे पहले विपक्ष के सदस्य खड़े हो कर टिप्पणियों को रिकॉर्ड से निकाल देने की मांग कर रहे थे। लेकिन अध्यक्ष ने उनकी मांग को खारिज कर दिया और उनसे सदन को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने को कहा।
भवन और आईटी विभागों के लिए अनुदान की मांग को लेकर हो रही बहस के दौरान यह हंगामा तब हुआ जब अन्नाद्रमुक सदस्य एस गुणशेखरन ने स्टालिन का नाम लिए बिना ‘नामाक्कू नामे’ कार्यक्रम पर कुछ टिप्पणियां की जिसे इस साल विधानसभा चुनाव से पहले द्रमुक के कोषाध्यक्ष ने शुरू किया था।
‘नामाक्कू नामे’ कार्यक्रम के दौरान स्टालिन ने राज्य का व्यापक दौरा किया था और लोगों से बातचीत की थी।
कार्यक्रम के बारे में की गयी टिप्पणियों पर द्रमुक सदस्यों ने कड़ी आपत्ति जताई। वे चाहते थे कि विधानसभा अध्यक्ष उसे सदन की कार्यवाही से हटा दें।
हालांकि धनपाल ने कहा कि विधायक ने सीधे तौर पर किसी का जि़क्र नहीं किया, लिहाजा टिप्पणियों को हटाने की जरूरत नहीं है। सदन में द्रमुक के उपनेता दुरई मुरूगन ने कहा कि नामक्कू नामे स्टालिन की पहल थी, लिहाजा टिप्पणियां सिर्फ उनके संदर्भ में की गई है और उन्होंने टिप्पणियों को हटाने की मांग की। इस दौरान स्टालिन ने खुद खड़े हो कर कहा कि उन्हें गर्व है कि नामाक्कू नामे का जिक्र विधानसभा में बहस के दौरान हुआ। उन्होंने भी कुछ टिप्पणियां की जिन्हें बाद में अध्यक्ष ने कार्यवाही से हटा दिया।
इसके बाद द्रमुक सदस्य खड़े हो गए और अध्यक्ष की कार्रवाई का विरोध करने लगे जबकि धनपाल ने उनसे सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने को कहा। जब द्रमुक सदस्यों ने उनके द्वारा बार बार किए जा रहे आग्रह पर ध्यान नहीं दिया तो उन्होंने मार्शलों को हंगामा कर रहे विधायकों को बाहर निकाल देने को कहा।
स्टालिन को मार्शल ने उठाकर सदन से बाहर किया। इससे पहले उन्होंने सदन में कुछ देर धरना दिया। अध्यक्ष ने बाद में कहा कि उन्हें ऐसी कार्रवाई करनी पड़ी क्योंकि द्रमुक सदस्यों ने उनके सहयोग के आग्रहों पर ध्यान नहीं दिया।
फिर सदन के नेता और वित्त मंत्री ओ पनीरसेल्वम ने द्रमुक सदस्यों को एक हफ्ते के लिए निलंबित करने के वास्ते एक प्रस्ताव पेश किया जिसे अन्नाद्रमुक के प्रभुत्व वाले सदन में ध्वनि मत से पारित कर दिया गया। इसके बाद अध्यक्ष ने कहा कि सदन की आज की कार्यवाही संपन्न हो गयी है। उन्होंने आवास मंत्री यू के राधाकृष्णन एवं आईटी मंत्री एम मणिकंदन से कहा कि वे अपने विभागों के बारे में हुई चर्चा का कल जवाब दें।
बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए स्टालिन ने कहा कि गुणशेखरन की टिप्पणी ‘‘आवंछित’’ है।