महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक महिला को गुम हुए अपने ही बच्चे को पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। दरअसल एक दिव्यांग महिला का 5 महीने का बेटा गलती से रेलवे स्टेशन पर छूट गया, जिसे अपना साबित करने के लिए महिला को काफी संघर्ष करना पड़ा। शराबी पति ने सभी जरुरी दस्तावेज जला दिए थे, जिससे महिला को बच्चे को अपना साबित करने के लिए जूझना पड़ रहा हैॆ।
यह घटना गोदावरी गणेश देवाडे नामक महिला के साथ हुई हैं, जिसने यहां के वडगांव मवल रेलवे स्टेशन पर पति और सामान को उतारने के लिए यहां के टिकट काउंटर पर बच्चे को नीचे उतारा था। लेकिन ट्रेन चल पड़ी और बेटा स्टेशन पर ही छूट गया। वह अगले स्टेशन पर उतर कर फौरन वापस लौटी, लेकिन बच्चा वहां नहीं मिला। उसे पता चला कि बच्चे को रेलवे सुरक्षा बल ने सेसून हॉस्पिटल की सोसायटी SOFOSH के चाइल्ड केयर सेंटर श्रीवत्स को सौंप दिया।
महिला ने बताया, ‘घटना के बाद बेटे की तलाश में जब मैं स्टेशन गई तो पता चला कि बेटा SOFOSH में सुरक्षित है। वहां पर महिला को अपना कोई पहचान पत्र दिखाने को कहा गया, यह साबित करने के लिए कि बेटा उसी का है। मेरे पास कोई पहचान पत्र नहीं था, क्योंकि पति ने एक दिन नशे की हालत में सभी दस्तावेज जला दिए थे। मैं अधिकारियों के पास गई और पूरी घटना सुनाई, जिसके बाद मुझे बेटे का जन्म प्रमाण पत्र मिल सका। अब एनजीओ वालों ने कहा है कि सोमवार को वे मुझे बच्चा सौंप देंगे।’
आप को बता दें कि एक रेस्तरां में काम कर आजीविका चलाने वाली गोदावरी, जिसका एक पैर मुड़ा हुआ है, उसका कहना हैं, ‘मुझे इस स्थिति में डालने के लिए मैं अपने पति को जिम्मेदार हैं । अगर वह अपने शराब पर नियंत्रण रखता तो आज मैं अपने बेटे के साथ घर पर होती। मैं चाहती हूं कि उसे सजा मिले।’