नई दिल्ली। हिंदी समाचार चैनल एनडीटीवी इंडिया पर सरकार की तरफ से लगाए गए एक दिन के बैन को वरिष्ठस पत्रकारों और समाचार संस्थायनों ने कड़े शब्दोंक में निंदा करते हुए इसकी तुलना इमरजेंसी की स्थिति से की है।
इसके साथ ही केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए शुक्रवार(4 नवंबर) को पश्चिम बंगाल की मुख्यमत्री ममता बनर्जी ने भी कहा है कि इससे इस बात की तस्दीक होती है कि देश में ‘आपातकाल जैसे हालात’ हैं।
बनर्जी ने एक वक्तव्य में कहा कि एनडीटीवी इंडिया पर प्रतिबंध स्तब्ध कर देने वाला है। पठानकोट घटना के कवरेज को लेकर अगर सरकार को कोई आपत्ति थी, तो इसके लिए नियम कायदे मौजूद हैं। लेकिन प्रतिबंध आपातकाल जैसी स्थिति की गवाही देता है।’
आपको बता दे कि सरकार की तरफ से 9 नवंबर को चैनल को प्रसारण नहीं करने का फरमान सुनाया गया है। सरकार के पैनल ने कहा है कि जनवरी में पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले को कवर करते हुए इसने ऐसी जानकारी दी, जो रणनीतिक और सुरक्षा के लिहाज से संवेदनशील थी।
केबल टीवी नेटवर्क कानून के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा था कि ‘भारत भर में किसी भी मंच के जरिए एनडीटीवी इंडिया के एक दिन के प्रसारण पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं।’
यह आदेश नौ नवंबर, 2016 को रात बारह बजकर एक मिनट से 10 नवंबर, 2016 को रात बारह बजकर एक मिनट तक प्रभावी रहेगा।’ आतंकी हमलों के कवरेज को लेकर किसी भी चैनल के खिलाफ दिया गया यह इस तरह का पहला आदेश है। इस बाबत नियम पिछले साल अधिसूचित किए गए थे।
अपने जवाब में चैनल ने कहा है कि यह किसी बात को अपने-अपने नजरिए से देखने का मामला है और जो सूचनाएं हमने प्रसारित की हैं वह पहले से ही प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के जरिए जनता के सामने थीं। एनडीटीवी ने मजबूती से इन आरोपों को नकारते हुए कहा है कि वह ‘तमाम विकल्पों पर विचार कर रहा है।’