ओडिशा के भद्रक में भड़की हिंसा के बाद सरकार ने 48 घंटों के लिए सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह प्रतिबंध रविवार (9 अप्रैल) की शाम 7 बजे से लागू हुआ जो कि भद्रक और आस-पास के इलाकों पर रहेगा। ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने पिछले महीने भद्रक शहर में हुई सांप्रदायिक हिंसा की एक घटना की जांच शुरू कर दी है, जहां सोमवार सुबह तक कर्फ्यू लागू है। रविवार को प्रारंभ में सुबह आठ बजे से 11 बजे तक शहर में निषेधाज्ञा में ढील दी गई, और बाद में यह अवधि दोपहर 12 बजे तक बढ़ा दी गई, ताकि लोग आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की खरीदारी कर सकें। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि बाद में कर्फ्यू लगा दिया गया, जो सोमवार सुबह सात बजे तक रहेगा। मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा है कि शहर में किसी अप्रिय घटना से बचने के लिए लगभग 35 प्लांटून पुलिस बल तैनात किए गए हैं, और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) की दो कंपनियां भद्रक भेजी गई हैं। पटनायक ने रविवार को नई दिल्ली में अंतर-राज्य परिषद स्थायी समिति की बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि भद्रक के मुद्दे पर उन्होंने गृहमंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा की है और उन्होंने आश्वस्त किया है कि आरएएफ की दो कंपनियां राज्य को भेजी जाएंगी।
इस बीच अपराध शाखा ने हिंदू देवताओं को लेकर सोशल मीडिया पर की गई कथित आक्रामक टिप्पणी की जांच शुरू कर दी है। इसी टिप्पणी के कारण शहर में गुरुवार और शुक्रवार को अशांति पैदा हो गई थी। अपराध शाखा के विशेष महानिदेशक बी.के. शर्मा ने कहा, “सोशल मीडिया पर की गई कथित आक्रामक टिप्पणी और अफवाहों की अपराध शाखा ने जांच शुरू कर दी है। अपराध शाखा का साइबर सेल व्हाट्सएप डाटा की जांच कर रहा है। ग्रुप एडमिन्स से डाटा उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है।” उन्होंने यह भी कहा कि इसके पीछे के लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस ने शनिवार को संघर्षो के सिलसिले में 35 लोगों को हिरासत में ले लिया था।