जयललिता के निधन के 42 दिन बाद… उनकी भतीजी ने एक बड़ा ऐलान कर दिया है। जिसने जयललिता की परछाई कही जाने वाली शशिकला की रातों की नींद उड़ा ही है। जयललिता की तरह दिखने वाली उनकी भतीजी दीपा जयकुमार ने राजनीति में अपने बुआ के नक्शे कदम पर चलने का फैसला किया है। मंगलवार को अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में दीपा ने कहा, “मैं 24 फरवरी को बुआ के जन्मदिन पर इस बारे में अपने प्लान का एलान करूंगी।” दीपा ने कहा कि उनकी रणनीति क्या होगी, इसका खुलासा वो अपनी बुआ के जन्मदिन यानि 24 फरवरी को करेंगी।
अपनी पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि अपना राजनीतिक सफर मैं सही समय पर शुरू करूंगी। आज से मैं अपनी जिंदगी का नया सफर शुरू कर रही हूं। जानकारों की मानें तो हाल ही में एआइएडीएमके की प्रमुख बनीं जयललिता की करीबी दोस्त शशिकला नटराजन के सामने दीपा एक कड़ी चुनौती बनकर उभर सकतीं हैं।
दीपा ने कहा, “मुझे कोई भी राजनीति में आने से रोक नहीं सकता। मैं बुआ की जगह किसी और को बर्दाश्त नहीं कर सकती। मेरे पास 2 ऑप्शन हैं, पहला- मैं एआईएडीएमके ज्वाइन कर लूं, दूसरा- नई पार्टी बनाऊं। मैं कोई भी फैसला लेने से पहले अपने सपोर्टर्स से बात करूंगी। मुझे लेकर चल रही अफवाहें सिर्फ मुझे बदनाम करने की कोशिश है, लोग सच्चाई नहीं जानते। शशिकला के परिवार ने झूठे दावे किए हैं कि बुआ उनकी सलाह लेकर काम करती थीं।”
यहां दिलचस्प बात यह है कि दीपा में जयललिता की झलक साफ तौर पर झलक रही है। पिछले दिनों एक पोस्टर जारी हुआ था जिसमें 42 साल की दीपा जयकुमार की तस्वीर को हु-ब-हू उनकी बुआ के अंदाज़ में ही दिखाया गया है। पोस्टर में दीपा बिल्कुल जयललिता की तरह ही ड्रेसअप किए हुए नजर आ रहीं हैं। उनकी साड़ी पहनने के अंदाज़ से लेकर हाथ हिलाने के तरीके तक ने लोगों को जयललिता की याद दिला दी।
दीपा जया कुमार के बयान की बड़ी बातें:
-समर्थकों के साथ लंबी चर्चा के बाद किया राजनीति में आने का फैसला
– जयललिता या एमजीआर के अलावा एआईएडीएमके महासचिव के पद पर दूसरा मंजूर नहीं
-मेरी शक्ल और भावनाएं जयललिता से मेल खाते हैं, मैं आम लोगों, खासकर महिलाओं के लिए काम करूंगी।
-मैं जयललिता की जायदाद पर दावा नहीं करूंगी, मुझे सिर्फ उनका पेन सौंप दिया जाए।
-अगले सियासी कदम का ऐलान जयललिता की जयंती के दिन होगा।
-पार्टी कैडर ने मुझसे अगुवाई करने को कहा।
-शशिकला के परिवार ने दावा किया है कि जयललिता उनकी विचारधारा पर चल रही थीं, ये सरासर झूठ है।
-मैं चुनाव जरुर लड़ूंगी लेकिन अब तक सीट तय नहीं।