नई दिल्ली। पीएम मोदी द्वारा 500 और 1000 के नोट बंद होने से दो दिनों की अफरा-तफरी के बीच नोटों पर यह बैन एक मासूम के साथ दुष्कर्म के पीडि़त परिवार पर आफत बनकर टूटा। जी हां, बिहार के बेगूसराय सदर अस्पताल में बुधवार(9 नवंबर) की देर रात एक परिवार छोटे नोट के अभाव में अपनी 5 वर्षीय रेप पीड़िता बच्ची को पटना ले जाने के लिए घटों भटकता रहा।
परिवार के लोग मासूम को कंधे पर लेकर एंबुलेंस वालों से मान मन्नौवल करते रहे, लेकिन उनके पास 1000- 500 का नोट देख हर एंबुलेंस वाला मरीज को ले जाने से मना कर दे रहा था। काफी मान मनौव्वल के बाद किसी तरह एंबुलेंस मिला, जिससे देर रात पीड़िता को अस्पताल में भर्ती कराया जा सका।
बेगुसराय के फुलवाड़िया पुलिस स्टेशन इलाके के मालती गांव में 5 साल की एक मासूम के साथ एक दरिंदे ने रेप किया। वारदात के बाद बच्ची को सड़क के किनारे से बुरी हालत में बरामद किया गया। बच्ची को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया। अस्पताल में बच्ची की हालत बिगड़ने पर बुधवार शाम को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के लिए रेफर किया गया।
जानकारों के मुताबिक, सदर अस्पताल को खुद ही बच्ची को पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजने के लिए एंबुलेंस की व्यवस्था करनी चाहिए थी, लेकिन पीड़ित बच्ची को लेकर भी सरकारी सिस्टम ने संवेदनशील रवैया नहीं अपनाया। सरकार के आदेशों के बावजूद एंबुलेंस ड्राइवर ने 500-1000 रुपए के नोट लेने से इंकार कर दिया।