ओडिशा में पांच चरणों में हो रहे पंचायत चुनावों में बीजेपी ने भारी उलटफेर किया है। पार्टी ने पहले चरण में 188 सीटों के लिए हुए चुनावों में 71 सीटों पर जीत हासिल की है। राज्य में सत्ताधारी नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल ने 94 सीटों पर जीत हासिल की है, कांग्रेस के खाते में 9 सीटें आईं हैं। बीजेपी की इस जीत से बीजद और कांग्रेस को झटका लगा है।
2012 में कुल 853 जिला परिषद की सीटों पर बीजेपी ने केवल 36 सीटों पर जीत हासिल की थी। बीजू जनता दल के खाते में 651 सीटें गईं थी। कांग्रेस ने 128 सीटों पर कब्जा किया था।
नवीन पटनायक के नेतृत्व वाली बीजद उम्मीद कर रही थी कि पिछली बार की तरह इस बार भी वह चुनावों में एकतरफा जीत हासिल करेगी। उसने इसके लिए पूरा जोर भी लगाया था। एक महीने तक चले प्रचार में कई फिल्मी सितारों को भी उतारा गया था। लेकिन भाजपा ने मयूरभंज, बारगढ़ और कालाहांडी जिलों में सफाया कर दिया है। पार्टी ने केवनझार, बोढ़, संबलपुर, मल्कानगिरी, केंद्रपाड़ा, झारसुगुडा, सुंदरगढ़ और अंगुल में भी जोरदार प्रदर्शन किया है। बीजद को पुरी, कोरापुट, जाजपुर, जगतसिंहपुर, सोनपुर और नुआपाड़ा जिलों की सभी सीटें जीती हैं। उसके लिए सबसे बड़ा झटका यह रहा कि भुवनेश्पर की एकामरा विधानसभा सीट की जिला परिषद सीट भाजपा ने 1300 से ज्यादा वोटों से जीत ली।
इन नतीजों में कांग्रेस काफी पीछे छूट गई है। कांग्रेस केवल 20 सीटों पर जीत दर्ज कर पाई है। भाजपा के प्रचार की कमान संभाल रहे केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि नतीजे दर्शाते हैं कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक अपनी जमीन खोते जा रहे हैं। उन्होंने बताया, ”बीजद का खेल जल्द ही समाप्त हो जाएगा।” वहीं बीजद प्रवक्ता शशिभूषण बहेरा ने कहा कि पहले चरण के नतीजों से ज्यादा मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।
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