बीजेपी के सांसद लक्ष्मी नारायण यादव ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने दावा किया कि 1990 से पहले भारत रत्न अयोग्य लोगों को दिया गया। उन्होंने कहा कि जो जितना बड़ा बदमाश था, वह उतनी जल्दी अवॉर्ड ले गया। मध्य प्रदेश के सागर से लोकसभा सांसद ने यहां शुक्रवार को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के जन्मदिवस पर आयोजित एक समारोह में यह टिप्पणी की। सांसद यह कहने की कोशिश कर रहे थे कि कथित जातिवादी मानसिकता के कारण आंबेडकर के साथ अन्याय किया गया था। बाबा साहेब को पुरस्कार देने के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री वी पी सिंह की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि जनता दल की सरकार ही ऐसी थी, जिन्होंने अन्याय को खत्म करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘पहले नचैये, गवैये, छोटे, बड़े जो जितना बदमाश था, वो उतना जल्दी ले गया।’ 72 वर्षीय नेता ने कहा कि अयोग्य लोगों को सर्वोच्च पुरस्कार दिए जाने की प्रवृत्ति आंबेडकर को पुरस्कार दिए जाने के बाद बदल गई थी।
जब उनसे संपर्क किया गया तो यादव ने दिया किया कि वीडियो से साथ छेड़छाड़ की गई है, लेकिन बाद में उन्होंने इसे जुबान फिसलना बताया। इसके बाद उन्होंने कहा कि थोड़ी बहुत कंट्रोवर्सी बनी रहनी चाहिए। इसके बाद उन्होंने बदमाश शब्द पर भी सफाई देते हुए कहा कि मैं पद्म और अन्य अवॉर्ड्स की बात कर रहा था, सिर्फ भारत रत्न की नहीं।
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