महाराष्ट्र बीजेपी के अल्पसंख्यक समूह के चेयरमैन जमाल सिद्दीकी ने अनुरोध किया है कि ज्यादा से ज्यादा मुस्लिम बीजेपी जॉइन करें ताकि समुदाय की भलाई के लिए सरकारी नीतियों को प्रभावित किया जा सके। मालेगांव के मालदा में आगामी निकाय चुनावों में बीजेपी के उम्मीदवार शेख अख्तर (32) सिद्दीकी को रोककर कहते हैं, तीन तलाक मुस्लिमों का मौलिक अधिकार है। अगर सुप्रीम कोर्ट भी इसके खिलाफ फैसला सुनाता है, तो हम नहीं मानेंगे। लेकिन जमाल अख्तर को चुप करा देते हैं। मगर उनकी बहस उन विरोधाभासों को दर्शाती है, जो बीजेपी झेल रही है। मालेगांव वही जगह है, जहां कथित तौर पर 2006 और 2008 में हिंदू संगठनों ने बम धमाके किए थे। बीजेपी 2012 में यहां कोई सीट नहीं जीती थी, लेकिन बुधवार को मालेगांव म्युनिसिपल कॉरपोरेशन की 84 सीटों पर पार्टी 56 पर चुनाव लड़ रही है और 27 सीटों पर उसने मुस्लिम उम्मीदवार उतारे हैं। एक शहर जहां बहुत सी महिलाएं बुर्का पहनती हैं और जहां खुले में बीफ मिलता है। वहां स्थानीय नेताओं की बातें पार्टी की विचारधारा के उलट दिख रही है।
कई उम्मीदवार और यहां तक कि सिद्दीकी भी कहते हैं कि बीफ बैन हटाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, गाय पवित्र पशु है और उसकी हत्या नहीं की जानी चाहिए, लेकिन सांड और बैलों की कटाई की इजाजत दी जानी चाहिए। सिद्दीकी कहते हैं, बीफ ही वह चीज नहीं, जो मुस्लिमों को परेशान करती है। मैं हमेशा साथी मुस्लिमों से कहता हूं कि अगर आप भारी संख्या में बीजेपी में शामिल होगा तो आप पार्टी में एेसे पद पर होंगे, जहां आप उसकी नीतियों को प्रभावित कर सकते हैं, हो सकता है बीफ बैन पर पार्टी का रुख भी बदलवा दें।
भले ही बीजेपी की नीति तीन तलाक के खिलाफ हो, लेकिन मालेगांव में पार्टी का जाना-पहचाना महिला मुस्लिम चेहरा डॉ. शाहीन सैयद कहती हैं कि तलाक के लिए इस्लाम का सिस्टम ही सर्वश्रेष्ठ है। बीजेपी की उम्मीदवार सैयद कहती हैं, महिलाओं के उत्पीड़न के जो उदाहरण सामने आए हैं, वह इसलिए हैं क्योंकि लोग हमारे शास्त्रों में लिखे तलाक को नहीं मानते।