नई दिल्ली। नोबेल शांति पुरस्कार प्राप्तकर्ता कैलाश सत्यार्थी ने गुरुवार(3 नवंबर) को कहा कि कश्मीर में स्कूलों को जलाया जाना बिल्कुल अस्वीकार्य है। उन्होंने दावा किया कि कट्टरपंथी ऐसा इसलिए कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि शिक्षा से बच्चों के दिमाग के द्वार खुल जाएंगे और वे उन्हें अपने निहित स्वार्थ के लिए इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे।
सत्यार्थी ने कहा कि ‘‘शिक्षा पर हमला किया जाता है, स्कूल जलाये जाते हैं, शिक्षकों का अपहरण किया जाता है, बच्चों की हत्या कर दी जाती है, यह पूरे विश्व में हो रहा है। दरअसल कट्टरपंथी इस बात से डरे हुए हैं कि शिक्षा बच्चों के दिमाग का द्वार खोल देगी।’’
उन्होंने कहा कि ‘‘वे एक ऐसी स्थिति पैदा करना चाहते हैं जहां बच्चे शिक्षा नहीं पा सकें। चूंकि यदि वे स्कूल जायेंगे, वे प्रौद्योगिकी, नागरिकता, आपसी संबंध, परस्पर सम्मान, इतिहास, संस्कृति और मूल्यों के बारे में सीखेंगे और वे उनके दिमाग में जहर नहीं घोल पायेंगे तथा अपने निहित स्वार्थों के लिए इस्तेमाल नहीं कर पायेंगे।’’