जेएनयू में आइसा ऐक्टिविस्ट नजीब अहमद के गायब होने के बाद कैंपस में आक्रोश का माहौल है। एक झगड़े के बाद माही मांडवी हॉस्टल का यह स्टूडेंट 14 अक्टूबर की रात से गायब है। स्टूडेंट्स ने ऐडमिनिस्ट्रेशन से एफआईआर करने की मांग की, साथ ही जल्द जांच करने की मांग को लेकर एसीपी से भी मिले। रविवार रात से लेकर सोमवार रात तक कैंपस में प्रोटेस्ट चलता रहा। स्टूडेंट्स का कहना, इस केस के जरिए जेएनयू में सांप्रदायिक आधार पर हमले की कोशिश की जा रही है।
जेएनयू स्टूडेंट्स यूनियन का कहना है कि रात 11 बजे तीन स्टूडेंट हॉस्टल इलेक्शन के लिए प्रचार करने माही हॉस्टल में एमएससी बायोटेक्नॉलजी के स्टूडेंट नजीब के कमरे में गए। बताया जा रहा है कि उस दौरान नजीब और बाकी लोगों में झड़प हो गई। शोर सुनकर बाकी स्टूडेंट्स वहां पहुंचे, जिन्होंने देखा कि तीन स्टूडेंट्स नजीब को मार रहे हैं। इसके बाद उनकी ओर से और स्टूडेंट्स भी वहां पहुंचने लगे और बचाव के लिए नजीब ने कमरा बंद कर दिया। जी6एस सिक्यॉरिटी के पहुंचने पर ही उन्होंने कमरा खोला, लेकिन फिर भी 10 से 15 स्टूडेंट्स ने उन पर बुरी तरह अटैक कर दिया। इस पर हॉस्टल के स्टूडेंट्स ने उनकी मदद कर उन्हें वॉशरूम में बंद कर दिया और वॉर्डन का इंतजार करने लगे। सीनियर वॉर्डन डॉ़ सुशील कुमार पहुंचे, लेकिन फिर भी उस ग्रुप ने नजीब को धमकाया और कम्यूनल कॉमेंट भी किए। जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट मोहित पांडे का कहना है कि मुझे और बाकी स्टूडेंट्स पर भी इस ग्रुप ने हमला किया। वॉर्डन के ऑफिस में भी इन्होंने नजीब को जान की धमकी और कम्यूनल गालियां भी दीं। मोहित कहते हैं, हैरानी की बात है कि सिक्यॉरिटी ने विडियो नहीं बनाया। इसके बाद 15 अक्टूबर सुबह 11 बजे के बाद से ही नजीब गायब हैं।
जेएनयूएसयू का कहना है कि पूरी कोशिश की जा रही है कि इस मुद्दे को कम्यूनल एंगल दिया जाए। माही मांडवी हॉस्टल में स्टूडेंट कम्यूनिटी को डराने की कोशिश की जा रही है। 16 अक्टूबर को भी इस मुद्दे पर चल रही वॉर्डंस मीटिंग को एबीवीपी ने डिस्टर्ब करने की कोशिश की गई। स्टूडेंट्स का यह भी कहना है कि आज कॉमन रूम की टेबल पर ‘मुस्लिम आर टेरेरिस्ट’ तक लिखा पाया गया। यह जेएनयू के कल्चर और उसकी एकजुटता पर हमला है।