उधर, एबीवीपी का कहना है कि लेफ्ट इस मसले को सांप्रदायिक रंग दे रहा है। जेएनयू में एबीवीवी यूनिट के लीडर सौरभ शर्मा कहते हैं, 14 अक्टूबर की रात नजीब ने विक्रांत कुमार नाम के स्टूडेंट को रक्षासूत्र बांधने पर ऐतराज जताते हुए थप्पड़ मारा। विक्रांत मेस कमिटी के चुनाव के प्रत्याशी हैं और प्रचार के नजीब के कमरे पर पहुंचे थे। इसका बाद वॉर्डन, सिक्यॉरिटी और हॉस्टल के कुछ स्टूडेंट्स के सामने नजीब ने यह बात मानी भी। इस पर वॉर्डन ने नजीब को 21 अक्टूबर तक हॉस्टल खाली करने का समय दिया था। विक्रांत ने अपने बचाव के लिए वसंत कुंज थाने में शिकायत भी दर्ज की थी, क्योंकि जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट समेत कुछ कुछ लोगों ने उन्हें धमकी दी थी।
नजीब के गायब होने के मसले पर जेएनयू प्रशासन का कहना है कि खबर मिलते ही प्रशासन ने सिक्यॉरिटी और सभी वॉर्डन से स्टूडेंट को ढूंढने के लिए कहा था। जेएनयू प्रशासन का कहना है कि 14 अक्टूबर को माही मांडवी हॉस्टल में 10:30 बजे हुई इस घटना की जैसे ही रिपोर्ट आई, वैसे ही एडमिनिस्ट्रेशन ने एक्शन लिया।
प्रशासन के मुताबिक, हॉस्टल के सभी वॉर्डन ने मीटिंग की और उस घटना को लेकर सभी पॉइंट पर स्टूडेंट्स, हॉस्टल प्रेजिडेंट, जेएनयूएसयू प्रेजिडेंट और आरोपी के रूममेट के सामने चर्चा की गई। उसी रात मसले का हल निकाल लिया गया था और फैसला भी ले लिया गया था। यूनियन रेक्टर 1 और डीन ऑफ स्टूडेंट्स से रेक्टर 1 ऑफिस में 16 अक्टूबर को मिले और घटना को लेकर बातचीत की। इसी दौरान आरोपी स्टूडेंट के पैरंट्स ने पुलिस कंप्लेंट दर्ज करा कर कहा कि उनका बेटा हॉस्टल से गायब है। एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि इसके बाद उसे जेएनयू सिक्यॉरिटी से फौरन स्टूडेंट को ढूंढने को कहा। डीन ऑफ स्टूडेंट्स ने सभी वॉर्डंस को हॉस्टल के कमरों में ढूंढने को कहा। पुलिस कैंपस आई और जांच की, जो कि अब भी चल रही है। जांच में मदद के लिए प्रशासन अभी भी पुलिस के संपर्क में है।