अब बच्चों ने छोड़ी चॉकलेट और टॉफी की ज़िद, शौचालय बनाने की उठाई मांग

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शौचालय

मध्यप्रदेश में स्कूल के बच्चे स्वच्छ भारत अभियान में अहम भूमिका निभाने का काम कर रहे हैं। नीमच जिले के स्कूली बच्चे अभिभावकों से चॉकलेट के लिए नहीं बल्कि शौचालय बनवाने की ज़िद कर रहे हैं। यहां सभी ग्राम पंचायतों को खुले में शौच ना करने का अभियान चलाया जा रहा है।

कलेक्टर रजनीश श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में नोडल अधिकारी एवं जिला अधिकारी गांवों का दौरा कर ग्रामीणों को शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं और निर्माण कार्य शुरू करवा रहे हैं। एक तरफ जहां प्रशासनिक अमला जनजागृति के अभियान में लगा है, तो दूसरी ओर स्कूलों के अध्यापक से लेकर बच्चे तक अपनी हिस्सेदारी निभा रहे हैं। वे घर-घर जाकर लोगों को शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। आलम यह है कि बच्चे अब चॉकलेट, टॉफी या खिलौनों की जिद छोड़कर अपने अभिभावकों, माता-पिता से अपने घर में शौचालय बनवाने की जिद करने लगे हैं।

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प्रशासन का दावा है कि स्कूली बच्चों की इस जिद का असर भी यहां देखने को मिल रहा है। कई ग्रामीणों ने अपने बच्चों की जिद पर शौचालय बनवाना शुरू भी कर दिया है। गाांव-गांव में स्कूली बच्चे स्वच्छता रैली कर रहे हैं और जिन घरों में शौचालय नहीं है, उन्हें शौचालय बनवाने के लए प्रेरित कर रहे हैं। बच्चे अब अभिभावकों से शौचालय बनवाने की जिद करते हुए यहां तक कह रहे हैं, ‘पहले शौचालय बनवाओ, तब खाना खाऊंगा।’ कलेक्टर श्रीवास्तव ने भी ग्रामीणों का आह्वान किया है कि वे अपने घरों में शौचालय जरूर बनवाएं। अपने गांव को ‘ओडीएफ’ बनाएं और स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने में योगदान दें।

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