नई दिल्ली : पति को शराबी के रूप में प्रचारित करना समाज में उसकी प्रतिष्ठा नष्ट करने के समान है। विशेषकर शिक्षक पर यह आरोप अत्यंत क्रूरता की श्रेणी में आता है। यह तलाक का आधार है। यह टिप्पणी करते हुए न्यायमूर्ति प्रदीप नंदराजोग व प्रतिभा रानी की खंडपीठ ने एक महिला की याचिका खारिज कर दी। महिला ने पति को क्रूरता के आधार निचली अदालत द्वारा तलाक प्रदान करने के फैसले को चुनौती दी थी। कोर्ट ने कहा कि इस मामले में पत्नी ने झूठे आरोप लगाए। महिला ने पति पर किसी शिक्षिका से अवैध संबंध होने का आरोप लगाया था, लेकिन वह उसका कोई साक्ष्य पेश नहीं कर पाई। दोनों का साथ रहना असंभव है। ऐसे में वे तलाक मंजूर संबंधी फैसले को उचित मानते हुए महिला की याचिका को खारिज करते हैं।