दिल्ला: दिल्ली में डेंगू और चिकनगुनिया से निपटने के तरीके की तीखी आलोचना करते हुए आज उच्चतम न्यायालय ने उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच इसी विषय पर कल हुयी बैठक में अल्पाहार परोसे जाने को लेकर नाराजगी जतायी तथा इसके नतीजे को लेकर निराशा जतायी।
न्यायमूर्ति एम बी लोकुर और न्यायमूर्ति अमिताभ राय की पीठ ने कहा, ‘‘अगर हम जानते कि क्या करने की जरूरत है तो हम कर देते। हम चाय और नमकीन नहीं ले रहे होते।’’ सालिसिटर जनरल ने जब पीठ को सूचित किया कि अदालत कक्ष में दिल्ली के स्वास्थ्य सचिव मौजूद हैं, पीठ ने सवाल किया, ‘‘आप क्या कहते हैं श्रीमान.. चाय के बारे में? बैठक में चाय परोसी गयी होगी।’’ अधिकारी ने कहा कि बैठक में अल्पाहार परोसा गया था।
इस पर पीठ ने सवाल किया कि अल्पाहार में क्या परोसा गया था? जब अधिकारी ने कहा कि बैठक के दौरान चाय, कॉफी और बिस्कुट परोसे गए थे, पीठ ने एक और सवाल किया, क्या अल्पाहार उस समय परोसा गया जब बैठक चल रही थी?’’ अधिकारी ने हां में उत्तर दिया और कहा कि बैठक में विचार विमर्श चल रहा था।
पीठ सामने रखे गए बैठक के ब्यौरे से भी नाराज थी और कहा कि इसमें कुछ भी ठोस बात नहीं हुयी। पीठ ने कहा, ‘‘हमने कल हुयी बैठक के मिनट पर गौर किया है और हम इसके नतीजे से काफी निराश हैं।’’ सालिसिटर जनरल, दिल्ली सरकार और न्यायालय मित्र कोलिन गोन्जालविस ने पीठ से कहा कि अधिकारी आज ही एक और बैठक करेंगे तथा डेंगू और चिकनगुनिया पर काबू के लिए उठाए जाने वाले जरूरी कदमों के बारे में विचार विमर्श करेंगे।