नई दिल्ली। नोटबंदी को लेकर कलकत्ता(कोलकाता) हाई कोर्ट ने शुक्रवार(18 नवंबर) को केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई। सरकार पर बड़ी टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि नोटबंदी के फैसले को लागू करते वक्त सरकार ने अपने दिमाग का सही इस्तेमाल नहीं किया।
कोर्ट ने कहा कि सरकार हर दिन नियम बदल रही है। इसका मतलब साफ है कि इतना बड़ा फैसला लेने से पहले कोई होमवर्क नहीं किया गया। कोर्ट ने कहा कि हम सरकार का फैसला नहीं बदल रहे, लेकिन इस मामलें में बैंक कर्मचारियों की लापरवाही भी सामने आ रही है।
मुख्य न्यायाधीश गिरीश चंद्र गुप्ता ने नोटबंदी के खिलाफ दायर दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सवाल किया कि हजारों लोगों के पास बैंक खाते नहीं हैं। वे अपने रोजमर्रा के खर्च को कैसे पूरा करेंगे? गेहूं के आटे की कीमत क्या है? कोर्ट ने कहा कि सरकार जनता को हो रही परेशानी कम करने के लिए कदम उठाएं।
कोर्ट ने केंद्र को फटकार लगाते हुए कहा कि कि नोटबंदी के 10वें दिन भी देश में हालात जस के तस हैं। बैंकों और एटीएम के बाहर लंबी-लंबी लाइने लगी हुई हैं जिससे लोग बहुत परेशान हो रहे हैं। जज ने कहा कि अस्पतालों में पैसे न होने के कारण जरूरी इलाज नहीं हो पा रहा है। अपने बेटे की बीमारी का जिक्र करते हुए जज ने कहा कि मेरे बेटे को डेंगू है, लेकिन अस्पताल वाले कैश नहीं ले रहे हैं।