500 और 1000 के नोट बंद होने के इस फैसले का असर समाज के हर तबके पर पड़ा है। हर कोई पैसे के लिए लाइन में लगकर मश्कत कर रहा है कि वह भी जल्द से जल्द नोट बदलवा सके। इसी संदर्भ में एक अनोखा मामला सामने आया है। एक निजी अस्पताल का निदेशक जो जेल में बंद है वह जमानत हासिल करने की कोशिश में लगा है ताकि अपने घर पर रखे 500 और 1000 के नोट बदल सके। मानव तस्करी करने के आरोप में यह शख्स 21 अक्टूबर से जेल में बंद है।
इससे पहले भी वह दो बार जमानत की अर्जी दाखिल कर चुका है। पहली बार उसकी जमानत खारिज हो गई थी। दूसरी बार उसने गुजरात हाई कोर्ट से अपनी अर्जी वापस ले ली यह सोचकर की उसे फिर से खारिज कर दिया जाएगा। लेकिन शुक्रवार को उसने गांधीनगर कोर्ट में एक बार फिर बेल ऐप्लिकेशन दायर की।
अदलज पुलिस ने बताया, नरोदा के रहने वाले 40 साल के भरत माली, कृष्णानगर में स्थित स्वप्न सृष्टि मल्टि स्पेशिऐलिटी हॉस्पिटल के निदेशक हैं जो अपनी पत्नी और बेटे के साथ रहते थे। पुणे की एक महिला ने उन पर भरत पर आरोप लगाया था कि उन्होंने उसे ट्रैफिकिंग में फंसाया।
































































