एक बार फिर चुनाव आयोग की ओर से आम आदमी पार्टी को जोरदार झटके का सामना करना पड़ रहा है, ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में जारी चुनाव आयोग ने अंतरिम आदेश में आम आदमी पार्टी की दलीलें खारिज कर दी हैं।
आप को बता दें कि दिल्ली हाई कोर्ट ने पहले ही विधायकों की विवादित पद पर नियुक्ति को अवैध ठहरा दिया है। चुनाव आयोग लाभ के पद के मामले में सुनवाई कर रहा है, आम आदमी पार्टी ने अपील की थी कि जब दिल्ली हाई कोर्ट ने नियुक्तियां ही रद्द कर दी तो अब आयोग को सुनवाई करने का ना कोई औचित्य है और न ही कोई जरूरत। आयोग ने इस दलील और अपील को दरकिनार कर दिया है, अब राष्ट्रपति को भेजे जाने वाली राय के लिए सुनवाई होगी।
आम आदमी पार्टी के 27 विधायकों के खिलाफ ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के तहत शिकायत की गई थी। आयोग में शिकायत की गई थी कि अपने इलाके के अलग-अलग सरकारी अस्पतालों में 27 विधायक रोगी कल्याण समिति के अध्यक्ष बनाए गए है, जबकि केंद्र सरकार की 2015 की गाइडलाइंस के हिसाब से सिर्फ स्वास्थ्य मंत्री, क्षेत्रीय सांसद, जिला पंचायत अध्यक्ष या फिर जिलाधिकारी ही रोगी कल्याण समिति का अध्यक्ष बन सकते हैं।