नोटबंदी का असर शहरी आबादी से ज्यादा गांव के किसानों पर पड़ा था लेकिन डिजिटल इंडिया की ओर बढ़ते देश के कदमों को अब किसान ही रफ्तार दे रहे हैं। नोटबंदी के बाद काफी किसानों ने कैशलेस तरीके से लेन-देन किया है। किसानों को सर्विस और प्रॉडक्ट उपलब्ध कराने वाली कंपनियों एग्रोस्टार, बिगहाट, दिएग्रीहब और RML एगटेक ने बताया है कि किसानों द्वारा पेमेंट के लिए डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिंग जैसी डिजिटल माध्यमों के प्रयोग में काफी तेजी आई है।
2014 में सचिन नंदवाना के साथ मिल बिगहाट को शुरू करने वाले सतीश नकुला ने बताया, ‘ऑनलाइन खेती के प्रॉडक्ट्स खरीदना किसानों के लिए बड़ा कदम है। यही नहीं अब उन्होंने डिजिटल पेमेंट की तरफ भी कदम बढ़ा दिया है। इस कारण हम पंजाब के कुछ इलाकों में पायलट POS मशीन बन गए हैं। इन इलाकों में हम 90 प्रतिशत ट्रांजैक्शन्स इन मशीनों पर ही देख रहे हैं।
‘ पंजाब के जालंधर जिले के एक किसान भूपिंदर सिंह (31) अब डिजिटल भुगतान करते हैं। सिंह ने बताया कि उसने कभी अपने कार्ड से भुगतान करने के बारे में सोचा नहीं था लेकिन नोटबंदी के दौरान उसके पास कोई विकल्प ही नहीं बचा था। उन्होंने कहा, ‘बिगहाट के डिलिवरी वाले लोग मशीन के साथ आते हैं और मुझे बस अपने कार्ड को स्वाइप करना है। यह आसान है।’
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