देश के केरल में एक हिंदू महिला को जबरन मुसलमान बनवाकर निकाह कराने का मामला सामने आया है। जिसे केरल हाई कोर्ट की खंडपीठ ने बुधवार(24 मई) को इस निकाह को अवैध करार दिया है। अखिला के पिता केएम अशोकन ने कोर्ट में याचिका दायर की थी जिसमें उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा था कि उनकी बेटी को आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट में शामिल कराने के लिए सोचीसमझी साजिश के तहत मुसलमान बनवाया गया। जिस पर जस्टिस सुरेंद्र मोहन और जस्टिस अब्राहम मैथ्यू की पीठ ने सुनवाई करते फैसला सुनाया है। लड़की केरल के कोट्टयम जिले के वाइकॉम की रहने वाली है।
माना जा रहा है कि केरल से कुछ युवा आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट के लिए काम कर रहे हैं। इन लापता नौजवानों में कई हाल-फिलहाल दूसरें धर्मों से धर्मपरिवर्तन करके मुसलमान बने हैं। अदालत ने अखिला शादी को अवैध घोषित करते हुए अपने फैसले में कहा, “शादी उसके जीवन का सबसे अहम फैसला है और उसे इसमें अपने माता-पिता की सलाह लेनी चाहिए थी।” अदालत ने फैसले में कहा, “कथित तौर पर हुई शादी बकवास है और कानून की नजर में इसकी कोई अहमियत नहीं है। उसके शौहर को उसका अभिभावक बनने का कोई अधिकार नहीं है।”
अदालत ने अशोकन को उनकी बेटी अखिला को सुरक्षा देने के लिए कोट्टयम जिला पुलिस को निर्देश दिया। अदालत के आदेश पर महिला छात्रावास में रह रही अखिला अब अपने पिता अशोकन के साथ रहेगी। अदालत ने पुलिस को मामले की जांच के भी आदेश दिए हैं। अदालत ने पुलिस से जबरन धर्मांतरण और इसके लिए जिम्मेदार संस्थाओं की जांच के लिए कहा है।
गौरतलब है कि अखिला ने अदालत में कहा था कि मुस्लिम धर्म अपनाने का फैसला उसका अपना था। अखिला के मुस्लिम धर्म में कनवर्ट ने के बाद अदालत में याचिका दायर की थी। अशोकन की याचिका पर सुनवाई के दौरान ही अखिला ने शफीन जहां से पिछले साल 19 दिसंबर को निकाह कर लिया था जिसे अब कोर्ट ने अवैध करार दिया है।