मंदसौर : मध्य प्रदेश के मंदसौर में आंदोलन कर रहे किसानों पर पुलिस की फायरिंग में तीन किसानों की मौत हो गई है जबकि 4 घायल हो गए हैं। एमपी में किसानों के राज्यव्यापी प्रदर्शन को देखते हुए मंदसौर, रतलाम और उज्जैन में इंटरनेट भी बंद कर दिया गया है। राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ ने बुधवार को प्रदेश व्यापी बंद का आह्वान किया है। हालांकि मध्य प्रदेश के गृहमंत्री का दावा है कि पुलिस की तरफ से फायरिंग नहीं हुई। सीएम शिवराज सिंह चौहान ने मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने न तो इंटरनेट बंद किया है और न ही कर्फ्यू लगाया गया है। मध्य प्रदेश के किसानों ने अपने उपज के वाजिब दाम दिलाने सहित अपनी 20 सूत्रीय मांगों को लेकर एक जून से 10 जून तक आंदोलन की घोषणा की है। प्रदेश में किसानों से जुड़े विभिन्न यूनियनों का आंदोलन जारी है। सोमवार को भी पश्चिमी मध्यप्रदेश के धार, देवास, झाबुआ, मंदसौर एवं नीमच जिलों सहित कई स्थानों पर तोड़फोड़ एवं हिंसक घटनाएं देखने को मिलीं थी।
इस बीच मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आंदोलन कर रहे लोगों को किसान नहीं बल्कि असामाजिक तत्व कहा है। सीएम शिवराज नेअपनी सरकार को किसान हितैषी सरकार बताते हुए कहा कि उनकी सरकार सदैव किसानों के कल्याण के लिये कार्य करती है और जो लोग आंदोलन समाप्त होने की घोषणा के बाद भी हिंसा एवं उपद्रव कर रहे हैं, वे किसान नहीं, बल्कि असामाजिक तत्व हैं। दरअसल मध्य प्रदेश में किसानों के आंदोलन को लेकर असमंजस की स्थिति है। भारतीय किसान संघ (बीकेएस) और मध्य प्रदेश किसान सेना ने शिवराज से मुलाकात के बाद आंदोलन को खत्म करने की घोषणा की थी। हालांकि राष्ट्रीय किसान मजदूर संघ जैसे दूसरे संगठन अभी भी आंदोलनरत हैं। इसी दौरान एक फिर मंदसौर में हिस्सा भड़क उठी है।