हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति और उसके साथियों को गैंगरेप के केस में जमानत दिए जाने के आदेश पर रोक लगा दी। एडिशनल सेशन जज ओम प्रकाश मिश्रा द्वितीय ने प्रजापति के अलावा अमरेंद्र सिंह उर्फ पिंटू और विकास वर्मा को जमानत दी थी। हाई कोर्ट ने कहा है कि 25 अप्रैल के इस आदेश को दरकिनार कर दिया जाए। राज्य सरकार की याचिका पर कोर्ट ने यह भी कहा है कि जमानत पर रिहा हो चुके अमरेंद्र और विकास को तत्काल गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
गायत्री प्रजापति को जमानत देने वाले अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश को शुक्रवार को हाई कोर्ट की प्रशासनिक समिति ने निलंबित कर दिया। कोर्ट ने मिश्रा के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। खबरों के मुताबिक जस्टिस सुधीर अग्रवाल मिश्रा के खिलाफ जांच करेंगे जस्टिस ओम प्रकाश मिश्रा के सारे अधिकार भी सीज कर दिए गए हैं। जस्टिस मिश्रा POSCO कोर्ट में तैनात हैं और 30 अप्रैल यानी कल रिटायर हो जाएंगे। फिलहाल उनके अधिकार भी सीज कर दिए गए हैं।
शुक्रवार को गायत्री प्रजापति को जमानत देने के फैसले के खिलाफ सरकार की याचिका पर सुनवाई के दौरान ही एडीजे ओम प्रकाश मिश्र के खिलाफ कार्रवाई के संकेत मिल गए थे। मुख्य न्यायाधीश डीबी भोंसले ने कोर्ट से उठते ही इस बाबत निर्देश जारी किया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के महानिबंधक डीके सिंह ने इस बात की पुष्टि की कि प्रशासनिक समिति ने एडीजे ओम प्रकाश मिश्र को निलंबित कर दिया है।
गायत्री फिलहाल जेल में ही हैं। वहीं इस फैसले के बाद जमानत पर छूटे आरोपित फिर अरेस्ट होंगे। राज्य सरकार ने 25 अप्रैल को गायत्री को जमानत मिलने के अगले ही दिन दो अन्य मामलों में उसकी जूडिशियल कस्टडी ले ली थी।
जमानत खारिज करवाने के लिए सरकार ने शुक्रवार को याचिका दायर कर चीफ जस्टिस से फौरन सुनवाई की गुजारिश की। चीफ जस्टिस की अनुमति के बाद शुक्रवार दोपहर सुनवाई शुरू हुई। बहस सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि 25 अप्रैल का आदेश निष्प्रभावी किया जाता है। अब मामले की सुनवाई दो हफ्ते बाद होगी।
गौरतलब है कि 50 वर्षीय एक महिला ने कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति व छह अन्य पर सामूहिक दुराचार के आरोप लगाए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 17 फरवरी को इन सभी पर एफआईआर दर्ज हुई थी। महिला का कहना था कि 2014 से 2016 के बीच उससे दुराचार किया गया। आरोपियों ने उसकी बेटी के साथ भी दुराचार की कोशिश की। 17 दिन अंडरग्राउंड रहने के बाद गायत्री को 15 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।