गिन्नी माही बनीं दलितों की आवाज, गायकी के जरिए दे रही जातिवाद को चुनौती

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गिन्नी माही

महज 17 साल की दलित गायिका गिन्नी माही अपनी गायकी से सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ बुलंद आवाज उठाती रही है। माही बताती है वह संविधान निर्माता बाबा राव भीमराव अंबेडकर से बहुत प्रभावित है। अपने गानों के जरिए वह उनके संदेश को जन-जन तक पहुंचाना चाहती है।
माही ने डॉ. भीम राव अंबेडकर को समर्पित ‘फैन बाबा साहिब दी’, ‘मैं तीह हां बाबा साहिब दी, जिन्हें लिखाया सी सविधान’, ‘हक्का दे लिए लड़ना बाबा साहिब सिखा गए आ’ जैसे बहुत गीत गाये है। गिन्नी के इन गीतो ने खूब धमाल मचाया और लोगों द्वारा उनकी गायकी को बहुत सराहा गया है।

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फेसबुक पर गिन्नी के 17 हजार फॉलोवर्स हैं। यू-ट्यूब पर अपलोड हुए उनके गानों को अब तक लाखों लोग देख चुके हैं।

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