जानिए क्या है गुजरात के गधों की खासियत, जिन्हे देखने आते हैं टूरिस्ट

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गधों

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीति बयानबाजी में घसीटे गए गुजरात के गधों को देखने के लिए हर साल लगभग 15 हजार से ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं। गुजरात में इन गधों को ‘घुड़कर’ के नाम से जाना जाता है। यह जानवर लुप्तप्राय की श्रेणी में आता है। विज्ञापन का प्रचार बॉलीवुड के महानायक अभिताभ बच्चन ने किया था। अमिताभ बच्चन साल 2010 में गुजरात के पर्यटन के ब्रैंड एंबेस्डर बने थे। बच्चन ने तब गिर के शेरों से लेकर सोमनाथ मंदिर सहित पर्यटन की तमाम खूबियों के प्रचार के लिए फिल्में बनाई गई थीं, इन्हीं में से गधे की भी फिल्म बनी थी।

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साल 2010 से 2015 के बीच इनकी संख्या में 11.31 प्रतिशत का इजाफा हुआ। 2015 की गणना के अनुसार जंगली गधों की संख्या 4451 थी। जो कच्छ के छोटे रण के करीब 5000 वर्ग किलोमीटर के इलाके में ही सिमटे हुए हैं। गुजरात में पाया जाने वाले घुड़खर 210 सेंटीमीटर लंबे और 100-125 सेंटीमीटर ऊंचे होते हैं। इन घुड़खरों का वजन 200-250 किलोग्राम होता है। इतना ही नहीं विज्ञापन में दिखने वाले गधा 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकता है। लुप्त होने के कगार पर पहुंचे इन घुडखरों के लिए वाइल्ड ऐस सैंक्चुअरी बनाई गई है। गुजरात में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई इस मुहिम का असर भी दिखा था।

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‘खुशबू गुजरात’ कैंपेन लॉन्च होने के पहले यानी वर्ष 2010-11 में जहां गुजरात में दो करोड़ से भी कम पर्यटक आते थे, लेकिन अब यह आंकड़ा अब करीब दोगुना हो गया है। वर्ष 2015-16 के हिसाब से करीब 383 लाख पर्यटक गुजरात आए। यहां सिर्फ देश से नहीं विदेश से भी हर साल पर्यटक आते हैं।

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