पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल आज शुक्रवार को जेल से बाहर आ रहे हैं। उनके पोस्टर जगह-जगह गुजरात के कई शहरों में लगाए गए हैं जिसमें लिखा है गब्बर इज बैक। सूरत के एक जेल से रिहाई से एक दिन पहले पुलिस ने पाटीदार अनामत आंदोलन समिति को रोड शो करने की इजाजत दे दी। हार्दिक की रिहाई को देखते हुए होने वाली रैली और सभा को लेकर राज्य सरकार भी सतर्क है।
पिछले साल आरक्षण आंदोलन के दौरान विसनगर के विधायक के कार्यालय में हुई हिंसा और देशद्रोह के दो मामलों में करीब नौ महीने पहले हार्दिक को गिरफ्तार किया गया था। पिछले हफ्ते गुजरात उच्च न्यायालय ने हार्दिक को इस शर्त पर जमानत दी कि वह अगले छह महीने तक राज्य से बाहर रहेंगे और जेल से रिहाई के 48 घंटे के भीतर गुजरात छोड देंगे।
हार्दिक की रिहाई अगले साल अंत में होनेवाले गुजरात चुनाव पर असर डाल सकती है। भले हार्दिक पटेल को राज्य से बाहर रहने को कहा गया है लेकिन पाटीदार नेता राज्य में आंदोलन को आगे बढ़ाने की बात कर रहे हैं। पाटीदार नेताओं के इस रुख से राज्य की बीजेपी सरकार के लिए मुसीबतें खड़ी हो सकती हैं। पाटीदार आरक्षण आंदोलन के बाद हुए पंचायत चुनावों में बीजेपी को नुकसान उठाना पड़ा था।