गौ तस्कर संतोष पांडेय और उसका साथी हैड कांस्टेबल त्रिलोक तिवारी की हत्या के आरोप में मंगलवार को जौनपुर कोतवाली के पास से गिरफ्तार कर लिया गया है। और साथ ही कांस्टेबल को रोंदने वाली पीकअप भी पकड़ ली है है।
पशुओं की अवैध तस्करी करने वाले संतोष पांडेय और उसके साथी ने शुक्रवार को तब गाड़ी से कुचल कर त्रिलोक तिवारी की हत्या कर दी जब वो सरायपोख्ता चेक पोस्ट पर तीन सिपाहियों के साथ ड्यूटि पर थे जब उन्होने जानवरों से भरी गाड़ी देखी तो उन्होने गाड़ी को रोकने का प्रयास किया। लेकिन पांडेय ने गाड़ी रोकने के बजाय तिवारी को गाड़ी से रोंदकर निकाल गया।
पत्रकारों से बात करते हुए, जौनपुर एसपी, अतुल सक्सेना ने बताया कि संतोष पांडेय और उनके साथी जो पशु कि अवैध तस्करी करते हैं 5 अगस्त को ACP त्रिलोक तिवारी को कुचल कर मार डाला था जब वो बदलापुर चेक पोस्ट पर उनके पिकअप को रोकने का प्रयास कर रहे थे।
सक्सेना ने आगे बताया कि संतोष पांडेय गाय और भैंसों कि तस्करी करता था। जब एसीपी तिवारी ने चेक पोस्ट पर जानवरों से भरी पिकअप को रोकने का प्रयास किया तो पांडेय ने गाडी रोकने के बजाय एसीपी के ऊपर गाडी चढ़ा दी जिसके बाद वो फ़ौरन घायल हो गए और उन्हें अस्पताल ले जाते वक़्त उनकी मौत हो गयी।
सक्सेना ने आगे बताया कि स्पेशल टास्क फ़ोर्स गठन करने के बाद पांडेय सहित उन पशु माफियाओं को गिरफ्तार कर लिया गया और पूछताछ की गई तो दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। एसपी ने बताया कि घटना वाली रात दोनों आरोपी पशु लादकर आजमगढ़ जा रहे थे। वाहन में कुछ और लोग भी बैठे थे। त्रिलोक तिवारी ने रोकने का प्रयास किया तो सभी ने वाहन चढ़ा देने के लिए उकसाया।
वैसे बजरंगदल जानवरों की अवैध तस्करी करने वाले मुसलमानों के खिलाफ एक मुहिम चला रहा है लेकिन जब से उनको ये पता चला है कि तस्करी करने वाले हिन्दू थे तो वो इस मुद्दे पर शांत बैठे हैं। और इस मुद्दे पर बजरंगदल के राष्ट्रीय संयोजक अजय पांडेय का कहना है कि ‘अपराधियों कि पहचान उनके धर्म के नाम पर करना सही नहीं है।’
अजय पांडेय ने आगे कहा कि जैसा कि पशु तस्करी में जो भी हिन्दू संलिप्त हैं वो सिर्फ पैसों के लिए करते हैं और यदि कोई अपराधी है तो उसका कोई धर्म या जात से मतलब नहीं है। और जो लोग देश के लिए काम करते हैं वही असल में देश भक्त हैं लेकिन वहीँ जो लोग सिर्फ देश के खिलाफ काम करते हैं उनका कोई धर्म नहीं है चाहे वो हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई या फिर किसी मजहब का हो।