वहीं दूसरी ओर एक अन्य फाइव स्टार होटल में कांग्रेस इस बात पर मत्थापच्ची कर रही थी कि किसी मुख्यमंत्री चुना जाए। कांग्रेस ने 5 घंटे इस पर बहस की कि क्या राज्य अध्यक्ष लुइजिन्हो फालेरो, पूर्व मुख्यमंत्री दिगम्बर कामत और प्रताप सिंह राणे को यह जिम्मेदारी सौंपी जाए, लेकिन तीनों ने ही एक दूसरे को रिजेक्ट कर दिया। इसके बाद निराश कांग्रेसी नेता होटल के बाहर आने पर आलाकमान पर राज्य में सरकार बनाने का मौका गंवाने का आरोप लगाते हैं। जब यह खबर आती है कि गडकरी और अन्य विधायक सरकार बनाने का दावा पेश करने के लिए राज्यपाल से मिलने पहुंचे हैं, तो कांग्रेस पार्टी हड़बड़ाहट में तीन बार विधायक रहे चंद्रकांत कावलेकर को सीएम पद का दावेदार चुन लेती है, जिससे सब हैरान हो जाते हैं।
दिग्विजय सिंह जो गोवा के प्रभारी भी हैं, राज्य में सरकार बनाने का मौका गंवाने की बात स्वीकार कर लेते हैं और निर्दलीय उम्मीदवार रोहन खौंटे और सरदेसाई पर धोखा देने का आरोप लगाते हैं। सूत्र बताते हैं कि शनिवार को जब पूरे नतीजे आ गए थे तो दिग्विजय सिंह ने सरदेसाई से मुलाकात की थी, जिन्होंने कांग्रेस को समर्थन देने का भरोसा दिलाया था। वहीं शनिवार रात को ही गडकरी गोवा पहुंचते हैं। पहले वह एमजीपी को समर्थन के लिए राजी करते हैं। इसके बाद सरदेसाई से बातचीत का दौर चलता है, लेकिन वह नाखुश होकर चले जाते हैं। अगली सुबह सरदेसाई गडकरी को फाइव स्टार होटल में आने को कहते हैं, जहां दोनों के बीच एक डील होती है, जिसमें तय होता है कि कैबिनेट में जीएफपी के तीन मंत्री होंगे। इस तरह दिग्विजय के हाथों से गडकरी गोवा में सरकार बनाने का मौका छीन लेते हैं।































































