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जांच दल ने नोटबंदी के बाद जमा की गई कम से कम 25 बड़ी राशियों की पहचान की जहां कथित कमजोर केवाईसी नियमों से कथित संदिग्ध एवं असंतोषजनक तरीके से 30 करोड़ रुपये का लेने लेनदेन हुआ।
अधिकारी ने बताया कि नोटबंदी के बाद 4,551 नए खाते खोले गए, जबकि पूरे साल में सामान्यत: औसत 5,000 ऐसे खाते खुले। 62 खाते तो एक ही मोबाइल नंबर से खोले गए। यह भी पता चला कि जमा करने के लिए भरी गई पर्चियों में भारी विसंगतियां थीं। एक में भी पैन नंबर नहीं दिया गया था। कई में तो जमाकर्ता के हस्ताक्षर भी नहीं थे।
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